महासमुन्द

लैब इक्विपमेंट और फ र्नीचर की कमी, महासमुंद मेडिकल कॉलेज को इस साल मान्यता नहीं
30-Oct-2021 6:28 PM
लैब इक्विपमेंट और फ र्नीचर की कमी, महासमुंद मेडिकल कॉलेज को इस साल मान्यता नहीं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 30 अक्टूबर।
गुरूवार को एनएमसी की ओर से मिले ई-मेल में खुलासा हो गया कि महासमुंद मेडिकल कॉलेज को इस साल मान्यता नहीं दी गई है। एनएमसी ने महासमुंद मेडिकल कॉलेज में लैब के इक्विपमेंट की कमी और फर्नीचर की कमी को इसकी वजह बताया है। इस साल महासमुंद मेडिकल कॉलेज जीरो ईयर होगा। ऐसे में अब महासमुंद में मेडिकल कॉलेज की राह ताक रहे लोगों को सालभर का इंतजार और करना होगा। एनएमसी ने गुरूवार को मेडिकल कॉलेज के डीन को इसकी पुष्टि मेल के माध्यम से की है।

मालूम हो कि प्रदेश के तीन नए मेडिकल कॉलेजों में सिर्फ  कांकेर को ही मान्यता प्रदान की गई है। कोरबा को भी इस साल मान्यता प्राप्त नहीं हुई है।
महासमुंद मेडिकल कॉलेज को मान्यता नहीं मिलने की वजह प्रशासनिक लेट लतीफी और लापरवाही को कहा जा रहा है। गौरतलब है कि कॉलेज में लैब के लिए पैसे, कोटेशन व टेंडर प्रक्रिया भी समय से शुरू हो गई थी, लेकिन प्रशासनिक स्वीकृति व अन्य कारणों से इसकी खरीदी नहीं हो पाई। इसी माह हुए वर्चुअल इंस्पेक्शन के दौरान एनाटॉमी विभाग की प्रमुख की गैरमौजूदगी भी इसकी बड़ी वजह बताई जा रही है।

जानकारी के अनुसार लैब के लिए इक्विपमेंट और फर्नीचर की खरीदी सीजीएमएससी के माध्यम से की जानी थी। इसके तहत लगभग 2 करोड़ की राशि से लैब के इक्विपमेंट और लगभग 50 लाख में फर्नीचर खरीदे जाने थे। इसके लिए डीन ने सीजीएमएससी के खाते में पैसे भी जमा कर दिए थे, लेकिन सीजीएमएससी ने इसकी खरीदी से हाथ खड़े कर दिए। इसके बाद खरीदी डायरेक्टर ऑफ  मेडिकल एजुकेशन के माध्यम से की जानी थी, जिसके लिए सीजीएमएससी से पैसे भी वापस ले लिए गए थे और कोटेशन से लेकर टेंडर प्रक्रिया भी हो गई थी। बाद में पता नहीं क्यों, इसकी खरीदी नहीं की जा सकी। इसी कमी को हाईलाइट करते हुए एनएमसी ने महासमुंद मेडिकल कॉलेज को मान्यता देने से मना कर दिया।

गौरतलब है कि बीते 13 अक्टूबर को एनएमसी ने महासमुंद मेडिकल कॉलेज की कमियों को दूर करने दिए गए बिंदुओं के आधार पर वर्चुअल इंस्पेक्शन किया था। इस इंस्पेक्शन में एनाटॉमी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. जागृति अग्रवाल शामिल नहीं हुईं। इन कमियों को भी एनएमसी ने हाईलाइट करते हुए मान्यता देने से इंकार कर दिया है। एनएमसी ने महासमुंद मेडिकल कॉलेज के लिए इमरजेंसी मेडिसीन विभाग, फॉरेंसिक व रेडियोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर की कमी को भी हाईलाइट किया है। बीते 21 सितंबर को एनएमसी ने मेडिकल कॉलेज को पत्र भेजा था, जिसमें बिंदुवार कमियों को दूर करने कहा था। इसमें 56 फीसदी फैकल्टी की कमी भी शामिल थी, जिसे इंस्पेक्शन तक 12 फीसदी तक लाया गया था। एनएमसी ने कॉलेज प्रबंधन को इग्जामिनेशन हॉल और स्पेस की कमी के बारे में भी कहा था। इसके लिए प्रबंधन ने सभी कमियों को दूर कर लिया था।
 


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