महासमुन्द

चार सदस्यीय जांच समिति ने की बरेकेलखुर्द पहुंचकर जांच
21-Aug-2021 6:23 PM
चार सदस्यीय जांच समिति ने की बरेकेलखुर्द पहुंचकर जांच

युवाओं को 9 साल से वृद्धावस्था पेंशन मिलने का मामला 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
 पिथौरा, 21 अगस्त।
41 युवाओं को 9 साल से वृद्धावस्था पेंशन मिलने की खबर ‘छत्तीसगढ़’ में प्रकाशन के बाद गुरुवार को जिला पंचायत द्वारा गठित चार सदस्यीय जांच समिति ने ग्राम बरेकेल खुर्द पहुंच कर जांच की। अब समिति द्वारा जिला पंचायत में जांच रिपोर्ट पेश की जाएगी, जहां से कार्यवाही की जानी है।

गुरुवार को कुछ स्थानीय पत्रकारों की उपस्थिति में समिति द्वारा जांच की गई। जांच में पाया गया कि  जिन 41 लोगों को नियम विरुद्ध पेंशन दिया जा रहा है, वे वास्तव में पेंशन के हकदार नहीं है। इन सभी के आधार कार्ड में पेंशन के लिए पात्र होने की जन्मतिथि अंकित है, परन्तु वास्तविक मतदाता सूची एवं जन्मतिथि के आधार से 10 से 20 वर्ष तक की उम्र कम दर्ज की गई है। 41 में कोई 16 पेंशनधारियों ने अपने बयान समिति के समक्ष दर्ज कराए हंै। किसी ने भी अपनी उम्र के बारे में स्पष्ट नहीं बताया। लिहाजा अब आधार कार्ड की जांच भी की जा सकती है।

 पंचायत में कोई प्रस्ताव नहीं-सिंह
समाज कल्याण विभाग की उप संचालक संगीता सिंह ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि वे  जांच के लिए टीम के साथ आई है। कुछ ग्रामीणों सहित पंच-सरपंच एवं सचिव के बयान लिए गए हंै। प्रथम दृष्टया किसी भी पेंशन प्रकरण में पंचायत का प्रस्ताव अनिवार्य होता है, परन्तु इनमें से किसी के नाम का प्रस्ताव नहीं है और न ही इसकी जानकारी जिला स्तर पर दी गयी है। सभी पेंशनधारी 7 से 8 वर्षों से पेंशन लेने की बात स्वीकार कर रहे हंै। 
क्या अब इनका पेंशन बंद होकर अब तक दिए गए पेंशन की रिकवरी की जाएगी ?, इस प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा रिपोर्ट पेश की जाएगी, उसके बाद पुन: सत्यापन के पश्चात ही कोई कार्यवाही की जाएगी।  

सचिव गुलाब कोसरिया के अनुसार जब उन्हें पता चला कि पेंशन सूची में अपात्रों का नाम है, तब उन्होंने इसकी सूचना जनपद कार्यालय में दी। इसके बाद भी पेंशन रोकने की बजाय पेंशन चालू रखने के निर्देश दिए गए। 

बताया जाता है कि सन 2012 एवम 2016 में सरपंच पुरषोत्तम ध्रुव द्वारा उक्त संबंध में की गयी शिकायत के बाद जनपद के दो कर्मी क्रमश: श्री चौधरी एवं श्री गजेंद्र को जांच अधिकारी बनाया गया था। 

बहरहाल पेंशन घोटाले का यह तो अकेला मामला है, जो स्वयं सरपंच द्वारा शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं हो सकी। जानकर बताते हंै कि इस तरह के घोटाले जनपद क्षेत्र की अनेक पंचायतों में हो रहे हंै। 
 


अन्य पोस्ट