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नई दिल्ली, 20 जून (भाषा)। ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने कोरोना वायरस से मामूली रूप से पीडि़त मरीजों के इलाज के लिए एंटीवायरल दवा फेविपिराविर को फैबिफ्लू ब्रांड नाम से पेश किया है। कंपनी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
मुंबई की कंपनी ने शुक्रवार को कहा था कि उसे भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) से इस दवा की मैन्युफैक्चरिंग और मार्केटिंग की अनुमति मिल गई है। कंपनी ने कहा कि फैबिफ्लू कोविड-19 के इलाज के लिए पहली खाने वाली फेविपिराविर दवा है, जिसे मंजूरी मिली है। कंपनी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
ग्लेमार्क फार्मास्युटिल्स के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक ग्लेन सल्दान्हा ने कहा, 'यह मंजूरी ऐसे समय मिली है, जबकि भारत में कोरोना वायरस के मामले पहले की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ रहो हैं। इससे हमारी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली काफी दबाव में है।' उन्होंने उम्मीद जताई कि फैबिफ्लू जैसे प्रभावी इलाज की उपलब्धता से इस दबाव को काफी हद तक कम करने में मदद मिलेगी।
इससे पहले भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने आपात स्थिति और कोविड-19 के लिए जरूरी चिकित्सा आवश्यकता पर विचार करते हुए त्वरित अनुमति प्रक्रिया के तहत घरेलू कंपनी ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स को 'फैविपिराविर' की गोली (200 एमजी) बनाने और बेचने की इजाजत दी थी।
घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक आधिकारिक सूत्र के हवाले से पीटीआई ने बताया था कि, देश में कोविड-19 के हल्के और मध्यम स्तर के मामलों में उपचार के लिए दवा के सीमित आपात इस्तेमाल की अनुमति दे दी गई है।
सूत्र ने कहा, कुछ शर्तों के साथ इस दवा के आपात इस्तेमाल की अनुमति दे दी गई है, जिसमें प्रत्येक रोगी या उसके प्रतिनिधि से लिखित में सहमति लेना भी शामिल है। इसके अलावा, कंपनी को दवा के प्रभाव और सुरक्षा के आकलन के लिए पहले एक हजार रोगियों पर इस्तेमाल के बाद लगातार निगरानी भी रखनी होगी। सूत्र ने कहा था कि हालांकि, परीक्षण अब भी जारी हैं, फिर भी डीसीजीआई ने दवा को मंजूरी दे दी है क्योंकि अब तक इसके अंतरिम परिणाम उत्ससाहजनक रहे हैं।
ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक ग्लेन सल्दान्हा ने कहा, 'यह मंजूरी ऐसे समय मिली है जबकि भारत में कोरोनावायरस के मामले पहले की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ रहे हैं। इससे हमारी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली काफी दबाव में है।'
उन्होंने उम्मीद जताई कि फैबिफ्लू जैसे प्रभावी इलाज की उपलब्धता से इस दबाव को काफी हद तक कम करने में मदद मिलेगी।