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पॉजिटिव परिवार का लड़का बाहर घूम रहा, पुलिस को शिकायत हुई
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर, 20 जून। राजधानी में क्वॉरंटीन अवधि खत्म होने के बाद घर लौटी इंजीनियरिंग छात्रा की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। परिवार के सदस्यों का भी सैंपल लिया गया है। इससे परे राजभवन के समीप रायगढ़ बाड़ा के कोरोना संक्रमित कारोबारी दंपत्ति के पुत्र की सिविल लाइन थाने में मौखिक शिकायत हुई है। कारोबारी पुत्र पर आरोप है कि वो अपनी कोरोना जांच नहीं करा रहे हैं। जबकि खुद मध्यप्रदेश के हॉटस्पॉट इलाके से आए हैं।
हालांकि कारोबारी के पुत्र के करीबी लोगों का कहना है कि उन्होंने अपना रैपिड टेस्ट कराया है। यह रिपोर्ट निगेटिव रहा है। जबकि विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि चूंकि परिवार के सदस्य कोरोना संक्रमित हैं। ऐसे में रैपिड टेस्ट कोई औचित्य नहीं है। उनका कोरोना टेस्ट अनिवार्य है और उन्हें क्वॉरंटीन में रहना चाहिए। रायगढ़ बाड़ा रहवासी कारोबारी की पत्नी के अलावा नौकर भी कोरोना संक्रमित हैं। वे एम्स में भर्ती हैं। कारोबारी परिवार और नौकरों के कोरोना संक्रमण के चलते राजभवन के आसपास का इलाका हॉटस्पॉट बन सकता है।
बताया गया कि रायगढ़ बाड़ा और आकाशवाणी के समीप बस्ती के कई और संदिग्ध लोगों की कोरोना जांच कराई जा रही है। इससे परे कोरोबारी का पुत्र, जिन्हें अनिवार्य रूप से कोरोना टेस्ट कराना चाहिए। वे इसके लिए आगे नहीं आ रहे हैं। कारोबारी पुत्र भी कुछ दिन पहले ही मध्यप्रदेश के कोरोना हॉटस्पॉट इलाके से आया है वह बेरोकटोक इधर-उधर घूम रहा है। कुछ लोगों ने कारोबारी के पुत्र को समझाइश देने की कोशिश भी की है, लेकिन वे मान नहीं रहे हैं।
बताया गया कि कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कारोबारी के पुत्र के खिलाफ थाने में मौखिक शिकायत भी की है। पुलिस से आग्रह किया गया है कि वे कारोबारी के पुत्र को जांच कराने के लिए दबाव बनाए। दूसरी तरफ, अश्वनी नगर रहवासी इंजीनियरिंग छात्रा, जो कुछ दिन पहले क्वॉरंटीन अवधि पूरा कर घर लौटी थीं उसमें कोरोना का लक्षण दिखाई दिया। इसके बाद छात्रा की जांच कराई गई और रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर एम्स में भर्ती कराया गया है। छात्रा के परिवार को क्वॉरंटीन में रखा गया है।
दिलचस्प बात यह है कि छात्रा 20 दिन पहले देहरादून से लौटी थीं और वह घर से अलग क्वॉरंटीन में रह रही थी। 14 दिन क्वॉरंटीन की अवधि पूरा होने के बाद वह घर आई थी। चिकित्सकों का कहना है कि कई मामलों में कोरोना के लक्षण देर से सामने आ रहे हैं। फिर भी क्वॉरंटीन की अवधि खत्म होने के बाद कोरोना टेस्ट होना चाहिए था। बहरहाल, छात्रा की हालत अभी स्थिर बताई जा रही है।