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ग्रामीणों के दमन और पुलिसिया कार्यवाही का कांग्रेस विरोध करती है
रायपुर, 27 दिसंबर। तमनार में आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच टकराव दुखद है। सरकार कोयले के लिये जबरिया जल, जंगल, जमीन की बेदखली करने पर उतर आई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि आदिवासी मुख्यमंत्री के राज में आदिवासी प्रताड़ित किये जा रहे है। सरकार जनता के लिये नहीं उद्योगपतियो के लिये काम कर रही है। उद्योगपति के ईशारे पर तमनार गारे पेलमा सेक्टर-1 में जबरिया कोल खदान आबंटन व फर्जी जनसुनवाई का विरोध कर रहे गांव वालों और आदिवासियों पे लाठियां चलवाई गई, उत्तेजित ग्रामवासियों ने भी प्रतिरोध किया। यह स्थिति सरकार की हठधर्मिता और नीति का परिणाम है। ग्रामीण शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे। सरकार के रवैये ने उनको आंदोलित किया।
बैज ने कहा कि क्षेत्र में गांव वाले अपनी पुश्तैनी जमीन देना नहीं चाह रहे। सरकार जबरिया अधिग्रहित कर वहां खदान शुरू करवाना चाह रही। 14 गांव के ग्राम सभा और 14 ग्राम के निवासी नहीं चाहते कि उनके गांव में कोयला का उत्खनन हो। उनका कहना है इसमें उनके इलाके खेती, बाड़ी, पर्यावरण सभी तबाह हो जायेगा। ग्रामवासी अपनी जमीनों और जंगल की बर्बादी नहीं चाहते। सरकार वहां जबरीया खोदाई करना चाह रही है।
बैज ने कहा कि आज के टकराव के बाद पुलिस गांव वालों का दमन शुरू कर चुकी है। उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। तमनार संविधान के 5वी अनुसूची का भाग है, वहां पर पेशा कानून लागू है, संसाधनों का संतुलित दोहन प्रभावितो के सहमति से किया जाना चाहिये। भाजपा सरकार के अधिनायकवाद में असहमति के लिये कोई स्थान नहीं है, ग्रामीणों के विरोध को बर्बरता पूर्वक कुचला जा रहा है। कांग्रेस इसका भी विरोध करती है। प्रशासन इस घटना में शामिल ग्राम वासियों के साथ अपराधियों जैसा सलूक नहीं करे, यह घटना प्रशासन की गलती का परिणाम है। सरकार और पुलिस का दमन करना बंद नहीं करेगी तो कांग्रेस विरोध में आंदोलन करेगी।


