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‘छत्तीसगढ़’ की विशेष रिपोर्ट
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 27 दिसंबर। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हिंसा की घटनाओं के चलते भारत से संबंधों में फर्क पड़ा है, लेकिन कारोबार बदस्तूर जारी है। इन सबके बीच बांग्लादेश सरकार ने भारत से 50 हजार टन चावल आयात करने का फैसला लिया है, और यह चावल छत्तीसगढ़ की फर्म सप्लाई करेगी।
पिछले कुछ महीनों से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले की घटनाएं सामने आईं है। इसकी भारत समेत दुनियाभर में तीखी प्रतिक्रिया हुई है। बांग्लादेश में निर्वाचित शेख हसीना की सरकार की तख्ता पलट की घटना के बाद से दोनों देशों के बीच रिश्तों में तल्खी भी देखने को मिली है। बावजूद इसके कारोबार सामान्य रूप से जारी है। इसका अंदाजा इस बाद से लगाया जा सकता है कि हाल ही में बांग्लादेश सरकार ने भारत से 50 हजार टन चावल खरीदने का फैसला लिया है।
बताया गया कि बांग्लादेश के खाद्य मंत्रालय ने इसके लिए टेंडर जारी किया था। इसके बाद रायपुर की फर्म बागडिय़ा ब्रदर्स को 50 हजार टन चावल सप्लाई करने का आर्डर मिला है। छत्तीसगढ़ के एक चावल कारोबारी अतुल अग्रवाल ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में बताया कि छत्तीसगढ़ से पहले भी चावल बांग्लादेश, और अन्य देशों को जाता रहा है। बांग्लादेश की वर्तमान परिस्थितियों में भी कारोबार में कोई दिक्कत नहीं आई है। जहां तक भारत से चावल खरीदने का सवाल है, तो इसकी बड़ी वजह यह है कि दुनिया में सबसे सस्ता चावल भारत का ही है।
कुछ सूत्रों के मुताबिक बांग्लादेश सरकार करीब 355 डॉलर प्रति टन के हिसाब से चावल खरीद रही है। जबकि पाकिस्तान और वियतनाम आदि देशों को 395 डालर खर्च करना पड़ता है। इन सबकी वजह से राजनीतिक तल्खी के बावजूद बांग्लादेश सरकार, भारत से चावल, और अन्य सामान आयात कर रही है। बागडिय़ा ब्रदर्स जल्द ही चावल सप्लाई शुरू करने जा रहा है। यह फर्म पहले भी बांग्लादेश को चावल सप्लाई करती रही है।


