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जगदलपुर, 28 नवंबर। “पूना मारगेम: पुनर्वास से पुनर्जीवन” पहल के अंतर्गत आज बस्तर (जगदलपुर) में कुल 10 माओवादी कैडरों ने हिंसा का मार्ग त्यागकर सामाजिक मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। इनमें जिनमें दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य चैतू @ श्याम दादा भी शामिल हैं।
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षकसुन्दरराज पट्टिलिंगम ने कहा कि “पूना मारगेम: पुनर्वास से पुनर्जीवन” बस्तर में स्थायी शांति, गरिमा और समग्र प्रगति की दिशा में एक परिवर्तनकारी पहल के रूप में उभर रहा है।
आज जगदलपुर में पुनर्वास किए गए 10 माओवादी कैडरों के नाम एवं संगठन में उनका स्तर इस प्रकार है:
1. चैतू @ श्याम दादा — DKSZC सदस्य (Reward Rs 25 lakhs)
2. सरोज @ मल्कू सोढ़ी — DVCM (Reward Rs 08 lakhs)
3. भूपेश @ सनक राम फुरामी — ACM (Reward Rs 05 lakhs)
4. प्रकाश @ फिल साय सलाम — ACM (Reward Rs 05 lakhs)
5. कमलेश @ झितरू यादव —ACM (Reward Rs 05 lakhs)
6. जन्नी @ रायमती सलाम — ACM (Reward Rs 05 lakhs)
7. संतोष @ सन्नू आचला — ACM (Reward Rs 05 lakhs)
8. रामशीला @ बुकली सलाम — ACM (Reward Rs 05 lakhs)
9. नवीन @ भाजू सलाम — PM रामशीला @ बुकली सलाम — PM (Reward Rs 01 lakh)
10. जयति @ मनाई कश्यप — PM (Reward Rs 01 lakh)
पुलिस अधीक्षक, बस्तर, शलभ सिन्हा ने कहा किसभी पुनर्वासित कैडरों ने “मुख्यधारा से जुड़कर शांति, गरिमा और विकास के मार्ग को अपनाने” का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया।
आईजी ने कहा कि “शेष माओवादी कैडर — जिनमें पोलित ब्यूरो सदस्य देवजी, केंद्रीय समिति सदस्य रामदर, DKSZC सदस्य पापाराव, देवा (बार्से देवा) तथा अन्य शामिल हैं — के पास अब भी हिंसा त्यागकर मुख्यधारा में जुड़ने के विकल्प है।
पुनर्वास कार्यक्रम में बस्तर के स्थानीय समाज के वरिष्ठजन;
डीआईजी दंतेवाड़ा कामलोचन केश्यप;
अरुल कुमार, डीआईजी CRPF;
हरिस एस., कलेक्टर बस्तर;
गौरव राय, एसपी दंतेवाड़ा; स्मृतिक राजनल्ला, एसपी STF;
बस्तर पुलिस के अधिकारी, जिला प्रशासन के अधिकारी, केंद्रीय सुरक्षा बलों के कमांडेंट एवं जवान;
तथा बड़ी संख्या में समाज-प्रमुख, मीडिया प्रतिनिधि, पत्रकार और पुलिस कर्मी उपस्थित रहे।
श्याम उर्फ़ चैतू का विवरण: गीरैड्डी पवनानंद रेड्डी (आयु 63 वर्ष, 2025 अनुसार) ने 1985 में CPI (माओवादी) संघटन में शामिल होकर कार्य शुरू किया। वे 1991–92 में महाराष्ट्र के गोंदिया क्षेत्र से स्थानांतरित होकर दंडकारण्य (DK) क्षेत्र में आए। प्रारंभ में दलम सदस्य के रूप में कार्य करते हुए वे क्रमशः कमांडर और बाद में डिविजनल समिति सदस्य (DCM) बने एवं 2007 में दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZC) के सदस्य के रूप में कार्य किया और वर्तमान में दर्भा (Darbha) डिविज़न के इंचार्ज थे।


