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पीएससी भर्ती घोटाला मामले में सरकार को हाईकोर्ट से झटका, 37 चयनित अभ्यर्थियों को मिलेगी नियुक्ति
06-Nov-2025 6:42 PM
पीएससी भर्ती घोटाला मामले में सरकार को हाईकोर्ट से झटका, 37 चयनित अभ्यर्थियों को मिलेगी नियुक्ति

डिवीजन बेंच ने कहा- सीबीआई जांच अधूरी होने के आधार पर नियुक्ति रोकी नहीं जा सकती

बिलासपुर, 6 नवंबर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग  भर्ती घोटाला मामले में राज्य सरकार को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सरकार की अपील खारिज करते हुए सिंगल बेंच के आदेश को सही ठहराया और कहा कि 37 चयनित अभ्यर्थियों को तत्काल नियुक्ति दी जाए।

मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति बी.डी. गुरु की बेंच ने सुनवाई के दौरान सरकार से ख्त सवाल किया कि जब चयन हो चुका है, तो अभ्यर्थियों को नियुक्ति आदेश क्यों नहीं दिए गए? उन्हें अनिश्चितता में क्यों रखा गया?

मालूम हो कि हाईकोर्ट में जस्टिस ए के प्रसाद की सिंगल बेंच ने चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का आदेश दिया था, लेकिन राज्य सरकार ने उस फैसले को चुनौती देते हुए डिवीजन बेंच में अपील दाखिल की थी। बेंच ने कहा कि सीबीआई जांच पूरी नहीं होने के आधार पर योग्य अभ्यर्थियों को नौकरी से वंचित नहीं किया जा सकता।

सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया था कि जांच सीबीआई कर रही है और फिलहाल इसके पूरे होने की कोई निर्धारित समयसीमा नहीं है। कोर्ट ने कहा कि जब सरकार जांच की तारीख भी नहीं बता पा रही, तो छात्रों का भविष्य अनिश्चितता में नहीं छोड़ा जा सकता।

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि यदि सीबीआई जांच में भविष्य में कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो उन नियुक्तियों पर पुनर्विचार किया जा सकता है। फिलहाल 37 उम्मीदवारों को नियुक्ति देने का आदेश जारी किया गया है, पर जांच पूरी होने के बाद स्थिति बदल भी सकती है।

ज्ञात हो कि सन् 2021 में सीजीपीएससी ने 171 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया आयोजित की गई थी। प्री परीक्षा 13 फरवरी 2022 को हुई, जिसमें 2,565 उम्मीदवार सफल हुए। इसके बाद मेंस परीक्षा मई 2022 में हुई, जिसमें 509 अभ्यर्थी पास हुए। 11 मई 2023 को अंतिम चयन सूची जारी की गई, जिसमें 170 उम्मीदवारों को सफल घोषित किया गया।  इन पदों में डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी, लेखाधिकारी, नायब तहसीलदार, जेल अधीक्षक सहित 20 तरह के पद शामिल थे।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए जनहित याचिका दायर की थी। उन्होंने कोर्ट में ऐसे अधिकारियों और नेताओं के रिश्तेदारों की सूची पेश की, जिनका चयन कथित रूप से प्रभाव के आधार पर हुआ था। इसके बाद हाईकोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए जांच के आदेश दिए। राज्य सरकार ने जांच कराई और बाद में सीबीआई को जांच की जिम्मेदारी दी गई।  


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