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जमैका के इतिहास के सबसे शक्तिशाली चक्रवाती तूफ़ान मेलिसा के बाद देश के ज़्यादातर हिस्सों में अंधेरा छा गया है और फ़ोन सेवाएं ठप हो गई हैं.
किंग्सटन में बीबीसी संवाददाता निक डेविस ने बताया कि कई इलाक़ों में बाढ़ और भूस्खलन हुआ है, इमारतों की छतें उड़ गईं और “खजूर के पेड़ तिनकों की तरह उड़ते नज़र आए.”
जमैका के मंत्री डेसमंड मैकेंज़ी ने बताया कि नदी में 16 फ़ुट ऊपर तक पानी उफ़ान मार रहा था.
जगह जगह पेड़ गिरे हुए हैं और सड़कों पर पानी भरा है.
जमैका से टकराने के बाद तूफ़ान मेलिसा क्यूबा पहुंचा, जहां 115 मील प्रति घंटा की रफ़्तार से हवाएं चलीं, तेज़ बारिश हुई. वहां “जानलेवा” समुद्री लहरों की चेतावनी दी गई.
क्यूबा के एक व्यक्ति ने बताया, “रात बहुत डरावनी थी. ऐसा लग रहा था जैसे बवंडर आ गया हो. मैं पूरी रात नहीं सो पाया.”
क्यूबा के राष्ट्रपति मुगुएल डियाज़-कैनेल ने कहा कि देश में 'काफ़ी नुक़सान' पहुंचा है.
यह तूफ़ान अब उत्तर-पूर्व दिशा में बहामास और बरमूडा की ओर बढ़ रहा है. (bbc.com/hindi)


