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सहायक प्राध्यापक भर्ती में योग्यता को लेकर विवाद का मामला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 28 अक्टूबर। गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में शिक्षा विभाग के सहायक प्राध्यापक पदों पर भर्ती को लेकर चल रहे विवाद पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान विश्वविद्यालय के अधिवक्ता का जवाब असंतोषजनक बताते हुए कुलपति और रजिस्ट्रार से शपथ पत्र के रूप में विस्तृत जवाब मांगा है।
याचिकाकर्ता नवीन चौथे ने अधिवक्ता आशुतोष शुक्ल के माध्यम से हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि विश्वविद्यालय ने सहायक प्राध्यापक की भर्ती प्रक्रिया में नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) द्वारा निर्धारित योग्यता नियमों का पालन नहीं किया है। कोर्ट ने पिछली सुनवाई में विश्वविद्यालय से यह स्पष्ट करने को कहा था कि भर्ती के लिए जारी विज्ञापन, पद और मांगी गई योग्यता एनसीटीई के मानकों के अनुरूप हैं या नहीं। लेकिन सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान विश्वविद्यालय की ओर से दिया गया जवाब अदालत को संतोषजनक नहीं लगा।
इस पर अदालत ने निर्देश दिया कि कुलपति और रजिस्ट्रार स्वयं शपथ पत्र देकर स्पष्ट करें कि विज्ञापन और पात्रता मानक एनसीटीई के दिशा-निर्देशों के अनुसार हैं या नहीं। अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि पूर्व आदेश का सही पालन नहीं किया गया है, इसलिए अब शीर्ष अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।
गौरतलब है कि गुरु घासीदास विश्वविद्यालय ने 23 अक्टूबर 2025 को शिक्षा विभाग में सहायक प्राध्यापक पद के लिए विज्ञापन जारी किया था, जिसमें बीएड और एमएड दोनों के लिए योग्यता बीएड, एमएड लिखी गई थी। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह एनसीटीई नियमों का उल्लंघन है, क्योंकि बीएड और एमएड पाठ्यक्रमों के लिए शिक्षकों की योग्यता और मानक अलग-अलग हैं।
याचिकाकर्ता ने यह भी सवाल उठाया कि यदि यह पद केवल एमएड के लिए था तो विज्ञापन में बीएड का उल्लेख कर भ्रम क्यों पैदा किया गया। विज्ञापन में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि भर्ती शिक्षा विभाग के किस पाठ्यक्रम के लिए की जा रही है।
हालांकि, अदालत ने फिलहाल याचिकाकर्ता को कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया है।


