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कोलकाता, 27 अक्टूबर। पश्चिम बंगाल में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की निर्वाचन आयोग की घोषणा से राजनीतिक घमासान छिड़ गया है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को आशंका है कि ‘‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर पात्र मतदाताओं के नाम हटाने’’ के प्रयास किए जा सकते हैं, जबकि भाजपा का कहना है कि ‘‘किसी भी अवैध मतदाता को बख्शा नहीं जाएगा’’।
निर्वाचन आयोग के इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि पार्टी वास्तविक मतदाताओं को सूची से हटाने के किसी भी प्रयास का ‘‘लोकतांत्रिक तरीके से विरोध’’ करेगी।
घोष ने कहा, ‘‘अगर किसी भी पात्र मतदाता का नाम हटाने का प्रयास किया जाता है तो इसका विरोध किया जाएगा। हमें मतदाता सूची पुनरीक्षण से कोई समस्या नहीं है लेकिन अगर इसके नाम पर कोई भाजपा के इशारे पर किसी भी पात्र मतदाता का नाम हटाने की कोशिश करता है तो हम लोकतांत्रिक तरीके से इसका विरोध करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी से शांति बनाए रखने और भाजपा के जाल में नहीं फंसने का आग्रह करते हैं। बस याद रखें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी पश्चिम बंगाल के लोगों के साथ हैं।’’
भाजपा ने निर्वाचन आयोग के इस कदम का स्वागत किया है और इसे ‘‘अवैध मतदाताओं को बाहर निकालने’’ के लिए एक आवश्यक कदम बताया।
वरिष्ठ भाजपा नेता और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘‘किसी भी अवैध मतदाता को बख्शा नहीं जाएगा। जो वैध मतदाता हैं उन्हें डरने की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन घुसपैठियों, जो तृणमूल कांग्रेस के वोट बैंक हैं, को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।’’
निर्वाचन आयोग ने सोमवार को घोषणा की कि पश्चिम बंगाल सहित 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का दूसरा चरण चार नवंबर से शुरू होगा।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ‘‘कोई भी योग्य मतदाता नहीं छूटे और किसी भी अयोग्य मतदाता को सूची में स्थान नहीं मिले’’।
उन्होंने कहा, ‘‘दूसरे चरण में 51 करोड़ मतदाता शामिल होंगे। गणना प्रक्रिया चार नवंबर से शुरू होगी जबकि मसौदा मतदाता सूची नौ दिसंबर को और अंतिम मतदाता सूची सात फरवरी को प्रकाशित की जाएगी।’’
जिन 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में यह प्रक्रिया चलायी जाएगी, वे हैं अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल।
इनमें से चार राज्यों तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में अगले साल चुनाव होने हैं। कुमार ने स्पष्ट किया कि असम में एसआईआर की घोषणा अलग से की जाएगी। (भाषा)


