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मुंबई, 7 सितंबर। ज्वारभाटा और तकनीकी चुनौतियों के कारण हुई देरी के बाद, लालबागचा राजा की प्रतिमा का विसर्जन रविवार रात करीब 11 बजे होने की संभावना है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
आमतौर पर लालबागचा राजा की प्रतिमा को सुबह नौ बजे से पहले दक्षिण मुंबई में गिरगांव चौपाटी के पास अरब सागर में विसर्जित कर दिया जाता है।
शनिवार दोपहर लालबाग से भव्य विसर्जन यात्रा शुरू होने के करीब 28 घंटे बाद तथा कई असफल प्रयासों के बाद उसे एक ‘राफ्ट’ पर पहुंचाया गया।
सुबह के असफल प्रयासों के कारण लालबागचा राजा सार्वजनिक उत्सव मंडल के पदाधिकारियों और मौके पर मौजूद अधिकारियों ने सावधानी बरतने का निर्णय लिया और पूर्वाह्न 11:40 बजे 4.42 मीटर ऊंची लहरों के कम होने का इंतजार किया।
एक अधिकारी ने बताया, "श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच सैकड़ों स्वयंसेवियों और मछुआरों की मदद से प्रतिमा को अंततः शाम 4:45 बजे उसके प्लेटफॉर्म से हटाकर एक नवनिर्मित राफ्ट पर रखा गया।"
लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल के मानद सचिव सुधीर सलावी ने संवाददाताओं को बताया कि ज्वार अपेक्षित समय से पहले ही आ गया था, जबकि विसर्जन यात्रा के तहत प्रतिमा निर्धारित समय से 10 से 15 मिनट देरी से वहां पहुंची।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने शुरुआत में प्रतिमा को विसर्जित करने का प्रयास किया, लेकिन जल्द ही हमें एहसास हुआ कि यह ठीक से नहीं हो पा रहा है, इसलिए हमने रुकने का फैसला किया। स्थानीय मछुआरों ने हमें बताया कि अगले ज्वार के दौरान, जो रात 11 बजे के आसपास आने की उम्मीद है, राफ्ट बखूबी संचालित होगा। विसर्जन की अंतिम प्रक्रिया उसी समय की जाएगी।’’ (भाषा)