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लातेहार, 7 सितंबर। झारखंड के लातेहार जिले में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 45 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई, जिसके बाद अंधविश्वासी परिजनों ने उसे फिर से जिंदा करने की आस में उसके शव को गोबर के ढेर में रख दिया। एक पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
हालांकि, अधिकारी ने बताया कि मौके पर पहुंची पुलिस के समझाने-बुझाने के बाद परिजनों ने व्यक्ति का शव पोस्टमार्टम के लिए सौंप दिया।
महुआडांड़ पुलिस थाना प्रभारी मनोज कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि रामनाथ यादव शनिवार शाम अपनी पत्नी शोभा देवी के साथ पशुओं को चराने के लिए खेत ले गया था, तभी वह आकाशीय बिजली की चपेट में आ गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
कुमार के मुताबिक, ‘‘परिजन रामनाथ को महुआडांड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद, वे (परिजन) पुलिस को सूचित किए बिना रामनाथ के शव को घर ले आए और इस अंधविश्वासवश में उसे गोबर के ढेर में रख दिया कि आकाशीय बिजली का असर खत्म हो जाएगा और रामनाथ फिर से जीवित हो जाएगा।’’
कुमार ने बताया कि चिकित्सकों से सूचना मिलने पर पुलिस दल रामनाथ के घर पहुंचा और परिजनों को शव पोस्टमार्टम के लिए सौंपने को कहा, लेकिन परिजन रातभर इंतजार करने पर अड़े रहे कि मृतक फिर से जीवित हो जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘चिकित्सकों और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी समझाने की कोशिश की कि किसी मृतक का फिर से जीवित होना संभव नहीं है, लेकिन परिजन नहीं माने। अंततः रात में थोड़ी सख्ती करनी पड़ी, जिसके बाद परिजनों ने शव सौंपा और उसे पोस्टमार्टम के लिए लातेहार सदर अस्पताल भेजा गया।’’
कुमार के अनुसार, पोस्टमार्टम के बाद मृतक के परिजनों को राज्य सरकार की आपदा प्रबंधन नियमावली के तहत उचित मुआवजा दिया जाएगा। (भाषा)