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मुंबई/भोपाल, 7 सितंबर। देश भर में श्रद्धालुओं ने गणेश उत्सव समापन के अवसर पर अपने आराध्य को विदाई दी और उनसे अगले वर्ष जल्द आने की कामना भी की। हालांकि, मूर्ति विसर्जन के दौरान महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में लोगों के डूबने सहित विभिन्न घटनाओं में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई।
अधिकारियों ने रविवार को बताया कि महाराष्ट्र में ठाणे, पुणे, नांदेड़, नासिक, जलगांव और अमरावती जिलों में विभिन्न जलाशयों में चार लोग डूब गए और 13 अन्य लापता हो गए।
नगर निकाय के अधिकारियों ने बताया कि मुंबई शहर में इस दौरान एक व्यक्ति की बिजली का झटका लगने से मौत हो गई तथा पांच अन्य लोग घायल हो गए।
यह घटना रविवार सुबह साकीनाका इलाके में खैरानी मार्ग पर तब हुई, जब एक गणेश प्रतिमा बिजली के तार के संपर्क में आ गई।
पुलिस के अनुसार, मध्य प्रदेश में रायसेन जिले में घाटखेड़ा गांव में शनिवार रात भगवान गणेश की मूर्ति के विसर्जन के दौरान दो किशोर जलाशय में गिरने से डूब गए।
रविवार सुबह बारिश के बीच मुंबई में गिरगांव चौपाटी पर हजारों श्रद्धालु एकत्र हुए।
मुंबई के पड़ोसी पालघर जिले में गणपति की मूर्ति के विसर्जन के दौरान बहे तीन लोगों को समुद्री अधिकारियों की त्वरित सूचना के बाद रो-रो नौका की मदद से बचा लिया गया।
अधिकारियों ने बताया कि यह घटना शनिवार को अपराह्न करीब तीन बजे विरार (पश्चिम) की नारंगी जेट्टी पर हुई।
इस बीच, प्रतिष्ठित लालबागचा राजा की मूर्ति के विसर्जन में कई घंटों की देरी हुई है और मौसम की स्थिति तथा तकनीकी समस्याओं के कारण इस कार्यक्रम के रात 11 बजे के आसपास पूरा होने की उम्मीद है।
अधिकारियों ने बताया कि समुद्र में ऊंची लहरों और तकनीकी चुनौतियों के कारण सुबह से हो रही देरी के बाद रविवार दोपहर को मूर्ति को एक राफ्ट पर स्थानांतरित कर दिया गया।
आमतौर पर लालबागचा राजा की मूर्ति को सुबह नौ बजे से पहले दक्षिण मुंबई में गिरगांव चौपाटी के पास अरब सागर में विसर्जित कर दिया जाता है।
लालबागचा राजा न केवल 10 दिवसीय उत्सव के दौरान सबसे अधिक प्रशंसित मूर्ति है, बल्कि इसका विसर्जन भी हजारों भक्तों के लिए एक अविस्मरणीय क्षण है, जो मध्यरात्रि के बाद से चौपाटी पर उमड़ पड़ते हैं और मध्य तथा दक्षिण मुंबई की भीड़-भाड़ वाली सड़कों से होते हुए सूर्योदय तक इसके आगमन की प्रतीक्षा करते हैं। (भाषा)