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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 27 जुलाई। मेडिकल कॉलेज रायपुर में पीजी की छात्रा से छेड़छाड़ के आरोप में फंसे एचओडी आशीष सिन्हा को हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत की अर्जी को खारिज कर दिया है।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी यदि जमानत पर बाहर आया तो उसके द्वारा साक्ष्यों के सा
थ छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के वकीलों की दलील सुनी गईं और केस डायरी का अवलोकन किया गया। कोर्ट ने पाया कि आरोपी के खिलाफ गंभीर आरोप हैं। शिकायतकर्ता छात्रा ने पहले भी कई बार इस मामले की शिकायत की थी और मेडिकल कॉलेज की विशाखा समिति ने इस पर जांच कर रिपोर्ट भी सौंपी है।
हालांकि रिपोर्ट में सीधे तौर पर आरोपी को दोषी नहीं बताया गया, लेकिन व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट से यह संकेत जरूर मिला कि एचओडी ने छात्रा पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने की कोशिश की। कोर्ट ने इसे चिकित्सक जैसे सम्मानित पेशे और विभागाध्यक्ष जैसे पद के लिए बेहद अनुचित बताया।
कोर्ट ने यह भी माना कि एफआईआर में कोई झूठ या देरी नहीं दिखती और उसमें दी गई घटनाओं की जानकारी प्रथम दृष्टया मामला बनाती है। अभी जांच शुरुआती चरण में है और इस समय आरोपी को अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती।
इसलिए, आरोपी आशीष सिन्हा की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया है।