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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 23 जुलाई। कार में भारी मात्रा में गांजा लेकर जा रहे दो युवकों को पकड़ने के बाद कोर्ट ने उन्हें 10-10 साल की सजा सुना दी है। दोनों को एक-एक लाख रुपए जुर्माना भी देना होगा। यह कार्रवाई नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के बाद हुई।
मामला अगस्त 2023 का है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो इंदौर यूनिट को सूचना मिली थी कि दो युवक प्रवीण वस्त्रकार और दीपक कुमार मरकाम, सफेद रंग की टाटा जेस्ट कार में भारी मात्रा में गांजा लेकर बिलासपुर आ रहे हैं। सूचना के आधार पर एनसीबी की टीम ने 11 अगस्त की रात बिलासपुर के मुड़ीपार टोल प्लाजा के पास घेराबंदी की।
रात करीब 10:30 बजे जैसे ही संदिग्ध कार वहां पहुंची, टीम ने उसे रोक लिया। कार की तलाशी लेने पर सीट और डिक्की से प्लास्टिक टेप में लिपटे हुए कई पैकेट मिले, जिनमें कुल 118.110 किलो गांजा था। दोनों युवकों को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया।
यह मामला एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस) एक्ट के तहत दर्ज हुआ था। सुनवाई बिलासपुर जिला न्यायालय में विशेष एनडीपीएस न्यायाधीश पुष्पलता मारकंडे की अदालत में हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संजय नामदेव ने पैरवी की।
सुनवाई के बाद अदालत ने दोनों आरोपियोंप्रवीण वस्त्रकार (34 वर्ष) और दीपक मरकाम (32 वर्ष) को दोषी पाते हुए 10-10 साल का कठोर कारावास और 1-1 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
प्रवीण वस्त्रकार बिलासपुर के पाराघाट तालाब के पास शंकर मोहल्ला का, जबकि दीपक कुमार मरकाम मस्तूरी के जयरामनगर, कन्हारभाठा का निवासी है।
पुलिस व एनसीबी की टीम ने मौके पर दो स्थानीय गवाहों की मौजूदगी में गांजा जब्त किया था। टीम ने पहले टोल प्लाजा के कर्मचारियों को भी इस बारे में सूचित किया था और कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए गिरफ्तारी और जब्ती की कार्रवाई की।