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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 23 जुलाई। सरकारी स्कूल में सीनियर शिक्षिका को हटाकर जूनियर को नियुक्त किए जाने के मामले में हाई कोर्ट की सुनवाई पूरी हो चुकी है। शिक्षिका सरोज सिंह की ओर से दाखिल याचिका पर बहस के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
सरोज सिंह, जो शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अचोली (बेमेतरा) में अंग्रेजी विषय की व्याख्याता के रूप में 2018 से पदस्थ थीं, ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि उन्हें अतिशेष घोषित कर नियमों के खिलाफ तबादला कर दिया गया। उनकी जगह जिस शिक्षिका को उसी स्कूल में पदस्थ किया गया है, वह जूनियर है और उसकी नियुक्ति हाल ही में, वर्ष 2025 में हुई है।
सरोज सिंह की ओर से एडवोकेट अनादि शर्मा ने कोर्ट में पक्ष रखा। याचिका में तर्क दिया गया कि यह कार्रवाई न केवल शिक्षा विभाग की युक्तियुक्तकरण नीति का उल्लंघन है, बल्कि संविधान में दिए गए समानता के अधिकार (अनुच्छेद 14) का भी सीधा उल्लंघन है।
याचिकाकर्ता ने यह भी बताया कि इस संबंध में पहले हाई कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि युक्तियुक्तकरण समिति के समक्ष शिक्षकों को अभ्यावेदन प्रस्तुत करने का मौका दिया जाए और तब तक तबादले की कार्रवाई पर रोक लगी रहे। इसके बावजूद जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने न केवल आदेश पारित कर दिया, बल्कि स्वयं ही सूची जारी कर उस पर अमल भी कर दिया।
हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कई बिंदुओं पर जवाब मांगे और शिक्षिका द्वारा दिए गए तर्कों को गंभीरता से सुना। पूरे विवाद का मूल यह है कि बिना उचित प्रक्रिया और वरिष्ठता का सम्मान किए, एक अनुभवी शिक्षिका को हटाकर नई नियुक्त जूनियर को उसी पद पर भेज दिया गया।