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डायरिया का प्रकोप, स्वास्थ्य सचिव से मांगा हाईकोर्ट ने हलफनामा
23-Jul-2025 11:51 AM
डायरिया का प्रकोप, स्वास्थ्य सचिव से मांगा हाईकोर्ट ने हलफनामा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बिलासपुर, 23 जुलाई। जांजगीर-चांपा जिले के खरौद नगर में दूषित पानी पीने से फैले डायरिया के मामले को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने जनहित याचिका के रूप में स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू कर दी है। कोर्ट ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव को निर्देश दिया है कि वे इस घटना पर व्यक्तिगत हलफनामा पेश करें।

खरौद के तिवारीपारा मोहल्ले में एक स्थानीय हैंडपंप से दूषित पानी पीने के बाद अब तक 23 से ज्यादा लोग बीमार हो चुके हैं। पीड़ितों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लोगों का कहना है कि पानी से कई दिनों से बदबू आ रही थी और इस बारे में अधिकारियों को कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हालात बिगड़ने पर ही प्रशासन हरकत में आया।

बीमारी का केंद्र बने संदिग्ध हैंडपंप को सील कर दिया गया है, लेकिन इससे इलाके में पेयजल संकट पैदा हो गया है क्योंकि अधिकतर लोग इसी हैंडपंप पर निर्भर थे। इस बीच स्वास्थ्य विभाग ने घर-घर जाकर सर्वे और इलाज शुरू कर दिया है। ओआरएस के पैकेट, क्लोरीन की गोलियां बांटी जा रही हैं और लोगों को उबला हुआ पानी पीने तथा हाइजिन बनाए रखने की सलाह दी गई है।

हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने बताया कि सभी मरीजों का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है और चिकित्सा टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं। लेकिन कोर्ट ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य सचिव को व्यक्तिगत हलफनामा देने का आदेश दिया है।

बताया गया है कि मानसून के चलते बीमारियों में तेजी से इजाफा हुआ है, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने आपातकालीन कार्रवाई करते हुए प्रभावित क्षेत्र में सर्वे और दवाइयों का वितरण शुरू किया। हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते जिम्मेदार अफसरों ने ध्यान दिया होता तो हालात इतने नहीं बिगड़ते। अब हाई कोर्ट में 24 जुलाई को फिर इस मामले की सुनवाई होगी, जिसमें यह देखा जाएगा कि जिम्मेदार विभाग ने इस आपदा से निपटने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए।


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