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भीमा कोरेगांव केस: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हनी बाबू ज़मानत के लिए हाई कोर्ट जाएं
17-Jul-2025 10:20 AM
भीमा कोरेगांव केस: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हनी बाबू ज़मानत के लिए हाई कोर्ट जाएं

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भीमा कोरेगांव मामले में अभियुक्त हनी बाबू को ज़मानत के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट या ट्रायल कोर्ट का रुख़ करने की अनुमति दे दी.

हालाँकि सुप्रीम कोर्ट का लिखित आदेश अभी जारी नहीं हुआ है.

न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति पीबी वराले की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की. हनी बाबू को सितंबर 2022 में ज़मानत देने से इनकार कर दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.

हालांकि, जब अपील सुप्रीम कोर्ट में लंबित थी, तब मई 2024 में बाबू के वकीलों ने यह कहते हुए याचिका वापस ले ली थी कि वे फिर से हाई कोर्ट जाना चाहते हैं, क्योंकि भीमा कोरेगांव मामले में कई अभियुक्तों को मुक़दमे में देरी के आधार पर ज़मानत मिल चुकी है.

जब हनी बाबू बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचे तो हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट से यह स्पष्ट करने के लिए कहा कि क्या वे उसके पास आ सकते हैं.

अब सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने उन्हें इसकी अनुमति दे दी है.

भीमा कोरेगांव पुणे के पास स्थित है, जहां 1 जनवरी 2018 को हिंसा भड़की थी. यहां मराठा और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच हुए युद्ध की 200वीं वर्षगांठ मनाने के लिए एक समारोह आयोजित किया गया था.

इस मामले में पूर्व प्रोफेसर हनी बाबू को भी गिरफ़्तार किया गया था. चार्जशीट में एनआईए ने दावा किया था कि हनी बाबू माओवादी विचारधारा के साथ छात्रों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे थे. (bbc.com/hindi)


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