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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 13 जुलाई। हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने बिलासपुर जिले के सभी विधायकों से अपील की है कि 14 जुलाई से शुरू हो रहे छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में बिलासपुर में 4सी एयरपोर्ट बनाने का मुद्दा जोर-शोर से उठाएं।
समिति ने कहा कि बिलासपुर की जनता सालों से महानगरों तक सीधी उड़ान की कमी झेल रही है। अभी दिल्ली और कोलकाता के लिए ही हफ्ते में दो दिन सीधी उड़ान है, बाकी उड़ानें जबलपुर या प्रयागराज होकर जाती हैं। दक्षिण और पश्चिम भारत के बड़े शहरों जैसे बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद और मुंबई के लिए कोई सीधी फ्लाइट नहीं है।
समिति ने विधानसभा सत्र में तीन बड़े मुद्दों को उठाने की जरूरत बताई है। सबसे बड़ा मामला है एयरपोर्ट विस्तार के लिए रक्षा मंत्रालय के कब्जे वाली जमीन का। रक्षा मंत्रालय ने सेना का ट्रेनिंग सेंटर प्रोजेक्ट रद्द कर दिया है और करीब 1012 एकड़ जमीन खाली पड़ी है। इसमें से 290 एकड़ जमीन एयरपोर्ट को दी जानी है, लेकिन इसके बदले रक्षा मंत्रालय ने 71 करोड़ रुपए मांगे हैं। समिति का कहना है कि राज्य सरकार या तो यह राशि तुरंत जमा करे या रक्षा मंत्रालय से बात कर कोई समाधान निकाले ताकि जमीन जल्द एयरपोर्ट को मिले और काम आगे बढ़े।
समिति ने बिलासपुर एयरपोर्ट पर चल रहे नाइट लैंडिंग के काम की धीमी गति पर भी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि काम की हर हफ्ते मॉनिटरिंग होनी चाहिए ताकि रात में भी फ्लाइट उतरने की सुविधा जल्द शुरू हो सके।
हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति का महा धरना रविवार को जारी रहा। धरने में रवि बनर्जी, डॉ. प्रदीप राही, अनिल गुलहरे, मनोज श्रीवास, दीपक कश्यप, समीर अहमद, मजहर खान, राघवेंद्र सिंह ठाकुर, ओम प्रकाश शर्मा, प्रतीक तिवारी, गोपी राव, जसवीर चावला, देवेंद्र सिंह ठाकुर, अशोक भंडारी, निलेश मंडेवार, अमर बजाज, संदीप दुबे, संतोष पीपलवा, चंद्रप्रकाश जायसवाल, गोपाल दुबे, केशव गोरख, अकील अली, साबर अली और सुदीप श्रीवास्तव समेत कई लोग शामिल हुए।