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नई दिल्ली, 26 जनवरी| गणतंत्र दिवस समारोह में इस वर्ष शिक्षा मंत्रालय की झांकी विशेष आकर्षण का केंद्र रही। शिक्षा मंत्रालय की झांकी में जहां एक ओर प्राचीन भारतीय शिक्षा का प्रदर्शन किया गया, वहीं इस झांकी में आधुनिक शिक्षा जैसे कंप्यूटर, वर्चुअल रियलिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी अत्याधुनिक तकनीकों व शैक्षणिक पाठ्यक्रमों की जानकारी दी गई।
शिक्षा मंत्रालय की झांकी के विषय में जानकारी देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि गणतंत्र दिवस परेड में भारत की प्राचीन ज्ञान परंपराओं, आधुनिक तकनीक और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संगम को दर्शाया गया।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि 'वेद से मेटावर्स' विषय पर आधारित शिक्षा व कौशल विकास मंत्रालय की मोहक झांकी ने सबको आकर्षित किया।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21वीं सदी के भारत को एक नई दिशा प्रदान करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम एक शिक्षित, सक्षम, कुशल और आत्मनिर्भर भारत के नए युग की ओर बढ़ रहे हैं।
गौरतलब है कि शिक्षा और कौशल विकास मंत्रालय की झांकी में प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय, भारतीय शिक्षा प्रणाली, वेदों की शिक्षा, गुरुकुल परंपरा आदि दर्शाए गए। जहां एक ओर झांकी के एक हिस्से में भारतीय शिक्षा के इस प्राचीन महत्व को दिखाया गया, वहीं दूसरी ओर एक हिस्से में मस्तिष्क रूपी उज्जवल होते बल्ब के माध्यम से आधुनिक शिक्षा और तकनीक पर जोर दिया गया।
इस हिस्से में शिक्षा के नए रूपों को दर्शाया गया, जिसमें मेटावर्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वर्चुअल रियलिटी, रिसर्च और स्टार्टअप आदि शामिल थे।
मेटावर्स एक तरह इंटरनेट का आधुनिक और नेक्स्ट लेवल है। इसमें ऑगमेंटेड वर्चुअल रिएलिटी और इंटरनेट एक साथ आते हैं।
इस दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान में गणतंत्र दिवस के दौरान निकली उत्तर प्रदेश की झांकी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि राजपथ को सुशोभित करती उत्तर प्रदेश की मनमोहक झांकी ने आज के नए समृद्ध उत्तर प्रदेश की बदलती तस्वीर प्रस्तुत की।
भव्य काशी विश्वनाथ धाम की सांस्कृतिक विरासत, एक जि़ला एक उत्पाद और प्रदेश की 75 वर्षों उपलब्धियाँ पर केंद्रित झांकी ने सबको अभिभूत किया।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से भारत का स्वाभिमान बढ़ेगा। (आईएएनएस)


