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10 दिन बाद असिस्टेंट लोको पायलट रश्मि राज का बयान दर्ज, ट्रेन हादसे के पहले की कई खामियां सामने आईं
18-Nov-2025 2:38 PM
10 दिन बाद असिस्टेंट लोको पायलट रश्मि राज का बयान दर्ज, ट्रेन हादसे के पहले की कई खामियां सामने आईं

छत्तीसगढ़' संवाददाता 

बिलासपुर, 18 नवंबर। गेवरा–बिलासपुर मेमू दुर्घटना की जांच में सबसे जरूरी मानी जा रही असिस्टेंट लोको पायलट रश्मि राज का बयान आखिरकार 10 दिनों बाद दर्ज कर लिया गया। उनकी गंभीर स्थिति के कारण पहले यह संभव नहीं हो पाया था। सोमवार को रेलवे के संरक्षा अधिकारियों की टीम ने अपोलो अस्पताल पहुँचकर उनसे पूछताछ की।

बता दें कि हादसे की जांच के लिए आयुक्त रेलवे सेफ्टी बी.के. मिश्रा पिछले दिनों चार दिन तक बिलासपुर में रहे और हर पहलू की जांच की, लेकिन एएलपी की स्थिति गंभीर होने से उनका बयान नहीं लिया जा सका था। बाद में सीआरएस कार्यालय ने बयान रिकॉर्ड करने के लिए अधिकारी को कोलकाता बुलाने का प्रयास भी किया, पर अंततः 14 नवंबर को अस्पताल ही जांच स्थल बना।

रश्मि राज ने बताया कि ट्रेन टकराने पहले सिग्नल सिंगल येलो था। इसके पहले पायलट ने कहा था कि सिग्नल ओके है। उसी समय लोको कैब में सामने लगा सनलाइट पर्दा अचानक गिर गया, जिससे दृश्यता बाधित हुई। पर्दा हटाने के लिए हाथ बढ़ाते ही सामने खड़ी मालगाड़ी दिखाई दी। पायलट ने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक दबाया, लेकिन दूरी बहुत कम होने के कारण ट्रेन नहीं रुक सकी।

पता चला है कि जांच अधिकारियों ने उनसे सिग्नलिंग, गति, दृश्यता, कैब की स्थिति और हादसे से ठीक पहले की परिस्थितियों पर कई सवाल पूछे, जिनके उत्तर विस्तृत रूप से दर्ज किए गए हैं। यह बयान रेल दुर्घटना की पूरी जांच दिशा तय करने में निर्णायक माना जा रहा है।

मालूम हो कि 4 नवंबर की शाम को गेवरारोड से बिलासपुर आ रही मेमू लोकल लालखदान में अप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी की ब्रेकयान से टकरा गई थी। 48 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हुई यह टक्कर इतनी जोरदार थी कि मेमू का इंजन ब्रेकयान को धकेलते हुए सीधे कोयला भरे वैगन पर चढ़ गया।
इस हादसे में लोको पायलट विद्यासागर सहित 11 यात्रियों की मौत हो गई थी। एक युवती ने अस्पताल में दम तोड़ा। दुर्घटना में 20 से अधिक यात्री घायल हुए थे। रश्मि राज गंभीर रूप से घायल हुई थीं और अभी भी अस्पताल में उनका उपचार जारी है।

 


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