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श्रीलंका का आर्थिक संकट गहराया, खाद्य पदार्थों की कीमतों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी
23-Jan-2022 7:15 PM
श्रीलंका का आर्थिक संकट गहराया, खाद्य पदार्थों की कीमतों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी

 

एक ओर श्रीलंका जहां आर्थिक संकट से जूझ रहा है, वहीं दूसरी ओर आम लोगों पर भी महंगाई की मार पड़ रही है. श्रीलंका सरकार के सांख्यिकी से जुड़े कार्यालय के अनुसार दिसंबर, 2021 में वहां राष्ट्रीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में काफी तेजी देखी गई.

दिसंबर में यह 11.1 फीसदी से बढ़कर 14 फीसदी हो गया. साल 2014 से इस सूचकांक को जारी किया जा रहा है, तब से यह लगातार दूसरा महीना है जब श्रीलंका में महंगाई का आंकड़ा 2 अंकों में पहुंच गया है.

नवंबर, 2021 में पहली बार महंगाई 2 अंकों में पहुंच गई थी. राष्ट्रीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के अनुसार पिछले साल दिसंबर में खाद्य पदार्थों की महंगाई में 6.3 फीसदी की तेजी देखी गई, जबकि अन्य चीजें 1.3 फीसदी महंगी हुईं.

श्रीलंका में दिसंबर, 2021 तक के आंकड़ों को देखें तो खाद्य उप सूचकांक में पिछले 1 साल में 21.5 फीसदी की तेजी देखी गई है. वहीं गैर खानपान की वस्तुओं की कीमतों में 7.6 फीसदी की तेजी देखी गई है.

साल 2020 में कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से ही श्रीलंका सरकार ने विदेशी मुद्रा भंडार से जुड़े संकट को रोकने के लिए आयात पर कई तरह प्रतिबंध लगा रखे हैं. हाल ही में विदेशी मुद्रा भंडार में संकट का सामना कर रहे श्रीलंका को भारत ने आर्थिक मदद दी है.

आयात के लिए जरूरी डॉलर की कमी की वजह से वहां लोगों को जरूरी सामानों की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. यहां तक कि सरकारी एजेंसी ने वहां के इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड को बकाए का भुगतान नहीं होने की वजह से ईंधन की आपूर्ति रोक दी है.

ईंधन की कमी की वजह से लोगों को लगातार बिजली कटौती भी झेलनी पड़ रही है. जनवरी 2022 की शुरुआत में भारत सरकार ने श्रीलंका को 1 बिलियन डॉलर की आर्थिक मदद दी, इस मदद का उद्देश्य वहां होने वाले खाद्य संकट को रोकना था.

इसके अलावा भी भारत ने पड़ोसी देश को बैलेंस ऑफ पेमेंट्स से जुड़ी मदद दी है. भारत की मदद का इस्तेमाल खाद्य सकंट रोकने के साथ-साथ सामानों और दवाइयों के आयात में किया जाएगा.

इसके अलावा 500 मिलियन डॉलर का इस्तेमाल भारत से ईंधन को आयात करने के लिए किया जाएगा. आर्थिक संकट से जूझ रहा श्रीलंका मदद के लिए भारत के अलावा चीन की ओर भी उम्मीद भरी नजरों से देख रहा है.

इस महीने की शुरुआत में चीनी विदेश मंत्री वांग यी कोलंबो की यात्रा पर आए थे, इस दौरान राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने बीजिंग से विदेशी मुद्रा भंडार और कर्ज से जुड़े संकट से उबारने में मदद का आग्रह किया. (bbc.com)


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