कोरिया

ग्रापं को नपं बनाने की घोषणा, रोक लगाने राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन
07-Jul-2022 2:51 PM
ग्रापं को नपं बनाने की घोषणा,  रोक लगाने राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, (कोरिया) 7 जुलाई।
बीते दिनों कोरिया प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरिया जिले के ग्राम पंचायत जनकपुर व पटना को नगर पंचायत बनाये जाने की घोषणा की इसके तत्काल बाद ही उक्त दोनों ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत बनाये जाने की घोषणा पर आदिवासी समाज के पदाधिकारी विजय सिंह ठाकुर ने इसे संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत बताते हुए राज्यपाल को ज्ञापन देकर मुख्यमंत्री के घोषणा पर रोक लगाये जाने की मॉग की।

राज्यपाल को सौंपे गये ज्ञापन में विजय सिंह ठाकुर ने उल्लेख किया है कि संविधान के भाग 10 अनुच्छेद 244 अनुसूचित अनुसूचित क्षेत्रों व जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन के संबंध में पॉचवी अनुसूची के उपबंध  है जिसके तहत असम, मेघालय,  त्रिपुरा और मिजोरम  से भिन्न  किसी राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों  और अनुसूचित जनजातियों के  प्रशासन और नियंत्रण  के लिए लागू होंगे, जबकि छठी अनुसूचि के उपबंध असम, मेधालय, त्रिपुरा और मिजोरम  राज्यों के जनजातीय  क्ष़ेत्रों के प्रशासन के लिए  लागू होंगे।

विजय सिह ठाकुर ने संवैधानिक प्रावधानों का हवाला देेत हुए ज्ञापन में उल्लेख किया है कि अनुच्छेद  244 के खण्ड  1 में निर्दिष्ट  अनुसूचित क्षेत्रों और इसके खण्ड  2 में निर्दिष्ट जनजातीय क्षेत्रों में  लागू नही होगा।  इस विषय पर संविधान में किसी बात के होते हुए भी संसद विधि द्वारा  इस भाग के उपबंधों  का विस्तार खण्ड  1 में निर्दिष्ट अनुसूचित क्षेत्रों और जनजातीय  क्षेत्रों पर  ऐसे अपवादो  और उपांतरणों के अधीन रहते  हुए कर सकेगी जो ऐसी विधि  में विनिर्दिष्ट किये  जाएॅ और ऐसी किसी विधि को अनुच्छेदों  36ध्8 के प्रयोजन के लिए इस संविधान का संशोधन नहीं समझा जायेगा।

श्री ठाकुर ने ज्ञापन में हवाला दिया है कि अनुच्छेद  243 य, ग 3 के अनुसार आज तक  संसद में मेसा  कानून बनाकर प्रस्ताव पास नही  किया गया है इसलिए छग  राज्य के पॉचवी अनुसूची क्षेत्रअंतर्गत अनुसूचित  क्ष़़ेत्रों में नगरीय निकायों  का गठन प्रक्रिया असंवैधानिक  है जो कि अनुसूचित जनजातियों  के हक और अधिकार को प्रभावित करता है तथा यह संविधान के मूल भावना के विपरीत है जिस कारण जनकपुर व पटना को नगर पंचायत बनाये जाने के मुख्यमंत्री के घोषणा पर रोक लगायी जाये।


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