कोरिया

खबर का असर: अवैध कब्जा हटाने ढाई साल से चक्कर काट रही बुजुर्ग महिला के मामले में अब होगी सुनवाई
14-Jun-2022 4:53 PM
खबर का असर: अवैध कब्जा हटाने ढाई साल से चक्कर काट रही बुजुर्ग महिला के मामले में अब होगी सुनवाई

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 14 जून।
छत्तीसगढ़ ने 4 जून के अंक में अवैध कब्जा हटाने ढाई साल से चक्कर लगा रही बुजुर्ग महिला शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी, जिसमें अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मनेंद्रगढ़ नयनतारा सिंह तोमर ने राजस्व निरीक्षण के प्रतिवेदन को देखकर अतिशीघ्र प्रकरण का निराकरण किए जाने की बात कही थी, लेकिन खबर प्रकाशन के 10 दिन बाद भी संबंधित महिला का प्रकरण यथावत है। हालांकि इस मामले में अब अनुविभागीय अधिकारी का कहना है कि राजस्व निरीक्षक का प्रतिवेदन प्राप्त हो चुका है, चूंकि न्यायालय में प्रकरण दर्ज है, इसलिए पेशी तिथि को प्रकरण की सुनवाई की जाएगी।

गौरतलब है कि मनेन्द्रगढ़ वार्ड क्र. 11 झिरिया मोहल्ला में रहने वाली मालती सोनी पति स्व. राजेंद्र सोनी एक गरीब और नि:सहाय महिला है। उसकी गैर मौजूदगी में उसके घर के ऊपर पड़ोसी के द्वारा अतिरिक्त छज्जा का निर्माण कर लिए जाने की वजह से वह परेशान है। अवैध तरीके से किए गए निर्माण कार्य को हटाने के लिए वह पिछले ढाई सालों से राजस्व विभाग के अधिकारियों का चक्कर काट रही है, लेकिन हर बार उसे एक कागज के टुकड़े में मात्र तारीख डालकर चलता कर दिया जा रहा है।

पीडि़ता ने बताया कि उसके द्वारा सर्वप्रथम 20 सितंबर 2019 को तात्कालीन अनुविभागीय अधिकारी मनेंद्रगढ़ के समक्ष इसकी लिखित शिकायत की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर कलेक्टर कोरिया के जनचौपाल में इसकी शिकायत की गई, तत्पश्चात 11 नवंबर 2019 राजस्व निरीक्षक (नजूल) मनेंद्रगढ़ के द्वारा स्थल जांच प्रतिवेदन तहसीलदार मनेंद्रगढ़ को प्रेषित किया गया। राजस्व निरीक्षक ने अपने प्रतिवेदन में दर्शाया है कि अनावेदक द्वारा अपने मकान के चारों ओर एक फिट का छज्जा तथा खिडक़ी हेतु अतिरिक्त छज्जा का निर्माण किया गया है जो कि आवेदिका के मकान के ऊपर स्थित है। पीडि़ता ने बताया कि इसके बाद 24 जनवरी 2020 को तहसीलदार के न्यायालय में प्रकरण पेश हुआ जिसमें आवेदिका एवं अनावेदक सुरेश गोयल दोनों उपस्थित हुए। पेशी में अनावेदक पक्ष द्वारा स्वीकार किया गया कि उसके द्वारा पट्टे की जमीन पर निर्माण कार्य किया जा रहा है तथा छज्जा निकाला जा रहा है।

आवेदिका ने अपने कथन में कहा कि इससे उसका सुखाचार एवं निजता प्रभावित हो रही है। अनावेदक को समझाईश दी गई कि ऐसी व्यवस्था करें जिससे आवेदिका का सुखाचार प्रभावित न हो और प्रकरण को नस्तीबद्ध कर दिया गया। महिला ने बताया कि इसके बाद 12 मार्च 2021 को उसने अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष आवेदन पेश किया और कहा कि प्रकरण में उसे न्याय नहीं मिल सका है।  

परेशान वृद्धा अब कोरिया जिले के प्रवास पर आ रहे मुख्यमंत्री का बेसब्री से इंतजार कर रही है। उसका कहना है कि वह मुख्यमंत्री मिलकर न्याय की गुहार लगाने की बात कह रही है। पिछले ढाई सालों से प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर काट रही बुजुर्ग महिला की खबर को ‘छत्तीसगढ़’ ने जब 4 जून के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया, तब कहीं जाकर आरआई को प्रतिवेदन पेश करने के लिए कहा गया। खबर के बाद आरआई द्वारा तत्काल स्थल की जांच कर प्रतिवेदन पेश किया गया है। अब एसडीएम द्वारा अगली पेशी में प्रकरण के सुनवाई की बात कही जा रही है, नहीं तो अब तक यह मामला पूरी तरह से ठंडे बस्ते में पड़ा था। केवल पीडि़ता को पेशी दर पेशी की तारीख दी जा रही थी। बहरहाल देखना यह है कि आगामी 27 जून की पेशी में प्रकरण की सुनवाई में कोई परिणाम निकलकर आता है या फिर एक कागज के टुकड़े में अगली पेशी की तिथि दर्शाकर बुजुर्ग महिला को हमेशा की तरह इस बार भी चलता कर दिया जाता है।
 


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