कोरिया

तेदूपत्ता संग्रहण शुरू, बढिय़ा आवक
11-May-2022 2:54 PM
तेदूपत्ता संग्रहण शुरू, बढिय़ा आवक

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया) 11 मई।
कोरिया जिले में तेंदूपत्ता संग्रहण करने का कार्य शुरू होने के बाद ग्रामीण तेंदूपत्ता तोडने के कार्य में जुट गये है। ग्रामीण क्षेत्रों के लोग सुबह होने के साथ ही अपने क्षेत्र के जंगलों में पहुॅच कर तेंदूपत्ता तोडने का कार्य कर रहे है। दोपहर तक तेंदू पत्ता तोडने का कार्य किया जाता है इसके बाद दोपहर में घर पर बैठकर तोडे गये तेंदूपत्ता का निर्धारित संख्या में बंडल बनाया जाता है। जिन्हे शाम ढलने के पूर्व संग्रहण केंद्रों में विक्रय के लिए ले जाया जाता हैं। इस तरह इन दिनों शादी विवाह का सीजन भी चल रहा है और इसी में समय निकाल कर ग्रामीण परिवार दिन भर तेंदू पत्ता तोडने व बंडल बनाने में व्यस्त हो गये है।

प्रति वर्ष इस सीजन में तेंदूपत्ता तोडने का कार्य किया जाता है। इस कार्य के खुलने से जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को कुछ दिनों तक के लिए अच्छा रोजगार मिल जाता है। यही कारण है कि घर के कई सदस्य प्रतिदिन सुबह होने के साथ ही जंगलों की खाक छानने पहुॅच जाते है। इस कार्य से कुछ दिनों की मेहनत कर अच्छी आमदनी प्राप्त हो जाती है। तेंदूपत्ता की महत्ता को देखते हुए जंगलों में तेंदू के पेड को ग्रामीण नुकसान नही पहुचाते है। पतझड के बाद तेंदू के पेडों पर नये  पत्ते निकल गये है। ग्रामीण परिवार अच्छे पत्तों को तोडने है इस कार्य में परिवार के कई लोग जुटते है ताकि अधिक से अधिक आय प्राप्त कर सके।

भालू हमले की घटनाएं भी बढ़ी  
इन दिनों ग्रामीण क्षेत्र के ज्यादातर लोग सुबह होने के साथ ही अपने क्षेत्र के जंगलों में पहुुंच कर घंटो तेंदूपत्ता तोडने का कार्य किया जा रहा है जिससे कि जिले के कई क्षेत्रों के जंगलों में भालु हमने की घटनाएं ज्यादा सामने आती हैं। हाल में ही जिले के जनकपुर थाना क्षेत्र में एक ग्रामीण जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ रहा था इसी दौरान अचानक उसके उपर भालू ने हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया। अन्य लोगों को इसकी जानकारी हुई तो तत्काल भी घायल ग्रामीण को उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जनकपुर उपचार के लिए ले जाया गया। इस तरह की घटना जिले के कई क्षेत्रों में इस सीजन में सामने आती है। इसके पूर्व महुआ के सीजन में भी जब ग्रामीण अपने क्षेत्र के जंगलों में महुआ चुनने जाते तब उस दौरान भी भालू हमले की कई घटनाएं प्रकाश में आयी।
 


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