कोरिया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 16 फरवरी। कोरिया जिले के बैकुंठपुर और मनेन्द्रगढ़ के बीच से गुजरने वाली एनएच- 43 के निर्माण में लगी एनएसपीआर कंपनी के खिलाफ वन विभाग ने अपराध दर्ज किया है। आरोप है कि कंपनी ने वन विभाग द्वारा लगाए पौधों को तोडक़र नष्ट कर दिये, इनकी संख्या दोपहर 12 बजे खबर लिखे जाने तक 470 बताई गई है। विभाग के कर्मचारी नष्ट किए पौधों की गिनती में जुटे हुए हैं।
इस संबंध में बिहारपुर परिक्षेत्र के परिक्षेत्र अधिकारी शंखमुनि पांडे का कहना है कि हमने रोज मेहनत करके सडक़ किनारे 1 वर्ष पूर्व पौधारोपण किया था, पौधे बड़े हो रहे थे, हर दिन शाम को पानी डालकर उन्हें उनकी देखभाल की जा रही थी। बीते 2 दिन से एनएसपीआर की मशीनों द्वारा उक्त पौधों को नष्ट कर दिया गया है, हमें जैसी ही जानकारी मिली, हमने एनएसपीआर कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ पीओआर दर्ज कर ग्रेडर वाहन को जब्त किया है, आगे कार्रवाई जारी है।
जानकारी के अनुसार मनेन्द्रगढ़ वन मंडल के बिहारपुर परिक्षेत्र में बैकुंठपुर से मनेन्द्रगढ़ के बीच एनएच 43 गुजरी हुई है।
53 किमी के इस रास्ते में बैकुंठपुर और मनेन्द्रगढ़ वन मंडल का क्षेत्र पड़ता है। बीते 4 साल से एनएच 43 का नव निर्माण जारी है, इसका ठेका एनएसपीआर नामक कंपनी के नाम है। बेहद सुस्त चाल से निर्माण कार्य जारी है। सडक़ का डामरीकरण हो चुका है, सडक़ के दोनों ओर मिट्टी डाल कर सोल्डर बनाया जा रहा है। वहीं वन विभाग ने सडक़ किनारे पौधरोपण कर रखा है, हजारों की संख्या में पौधे लगाए गए हैं, चूंकि मुख्य मार्ग है, इसलिए इस पर आने जाने वाले अधिकारियों की नजऱ रहती है।
इधर, सडक़ किनारे सोल्डर बनाने में निर्माण में लगी कंपनी ने ग्रेडर वाहन से मिट्टी को समतल करने का कार्य करते हुए हजारों पौधों को जो ट्री गार्ड लगे हुए थे, नष्ट कर डाले, कल रात इसकी जानकारी बीट गार्ड ने परिक्षेत्र अधिकारी को दी, जिसके बाद बुधवार को परिक्षेत्र अधिकारी श्री पांडेय मौके पर पहुंचे और ग्रेडर वाहन को जब्त कर वाहन चालक का बयान दर्ज करवाया, इसके अलावा नष्ट हो चुके पौधों की संख्या की गिनती करने को कहा। दोपहर 12 बजे खबर लिखे जाने तक सडक़ के एक ओर 470 पौधे नष्ट हो चुके थे, जबकि दूसरी ओर की गिनती जारी थी।
ये पहला मौका है, जब इस निर्माण कंपनी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई वन विभाग के द्वारा की गई है।
पत्थर-मिट्टी जंगल में फेंका
सडक़ निर्माण में लगी कंपनी ने कई पुलिया के निर्माण करते हुए पुलिया को दोनों ओर से चौड़ा किया है, इसके लिए सडक़ के दोनों ओर खुदाई की है, जो कि वन क्षेत्र में आता है, पुलिया निर्माण पूर्ण होने के बाद काफी मात्रा पत्थर और मिट्टी जंगल में छोड़ कर चले गए हैं, नियमानुसार उसे वहां से साफ करना था।