कोरिया

आरटीआई से मिली जानकारी में सामने आ रहे हैं कई पेंच
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 15 फरवरी। बैकुंठपुर के पुराने बस स्टैंड में जिन दुकानों की बोली 47 लाख से 73 लाख गई थी, उन दुकानों को चुपचाप 15 लाख 90 हजार और 16 लाख 75 हजार में बंद लिफाफे के माध्यम से दे दी गई। शहर में बीते दो माह से मामले में बवाल मचा हुआ है, वहीं मामले में चेंबर ऑफ कामर्स (युवा) के पूर्व जिला महामंत्री शारदा गुप्ता और पीडि़त राजेश गुप्ता ने अधिवक्ता के माध्यम से कलेक्टर, सीएमओ, प्रशासक, नगरीय प्रशासन विभाग रायपुर कानूनी नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।
मामले में नगर पालिका सीएमओ मुक्ता सिंह चौहान से यह पूछा कि क्या आपको पीडि़त राजेश गुप्ता के अधिवक्ता के द्वारा भेजा गया नोटिस मिला, जिस पर उन्होंने कहा कि वो अभी मीटिंग में है, मीटिंग के बाद मामले में कुछ जानकारी दे पाएगी।
चेंबर ऑफ कामर्स (युवा) के पूर्व जिला महामंत्री शारदा गुप्ता का कहना है कि अधिकारियों द्वारा नियमों को किस प्रकार से अपने चहेतो को कम से कम कीमत पर देने के लिए क्या क्या कारनामे किए गए है। अभी कानूनी नोटिस भेजा गया है, जवाब उपरांत उच्च न्यायालय में गुहार लगाई जाएगी। इस मामले में अधिकारियों की मिलीभगत से राज्य सरकार को कई लाख रूपए की राशि का राजस्व का नुकसान पहुंचाया गया है।
जानकारी के अनुसार पुराने बस स्टैंड में निर्माणाघीन दुकानों को लेकर नीलामी 12 जुलाई 2021 हुई। जिसमें प्रथम दुकान की 47 लाख 6 हजार, दूसरी दुकान की 61 लाख 1 हजार, और तीसरी दुकान 73 लाख में बिकी, नगर पालिका के सूत्र बताते है कि दुकानों के हैंड ओवर को लेकर पेंच फंस गया, पालिका दुकानों को एक साल से ज्यादा समय पर हैंड ओवर देना चाहती थी, जबकि बोलीकर्ता दुकानें जल्दी हैंड ओवर चाहते थे, जिस कारण दो दुकानों की राशि समय सीमा में जमा नहीं हो पाई।
सिर्फ दुकान क्रमांक 2 के 61 लाख 1 हजार की बोली लगाने वाले ने 24 घंटे अंदर 50 प्रतिशत राशि जमा कर दी, बची दो दुकानों में एक दुकान के बोली कर्ता को 24 घंटे में 47 लाख का 50 प्रतिशत नगर पालिका में जमा करना था, उसे रियायत देते हुए अधिकारियों ने चेक ले लिया गया, जबकि नियमों में नगद या बैंक ड्राफ्ट लेना था। 17 दिन बाद चेक क्लियर नहीं हुआ। जबकि पर्याप्त राशि खाते में उपलब्ध थी। ऐसे में दुकान क्रमांक 1 और दुकान क्रमांक 3 को निरस्त कर दिया गया।