कोरिया

राजस्व का खसरा-नक्शा लगाकर वन जमीन पर दुकान-शौचालय बनाने का मामला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 28 दिसंबर। कोरिया जिले के भरतपुर विकासखंड के कुंवारपुर में वनभूमि पर बनाये गये 3 दुकान व शौचालय की खबर के प्रकाशन के बाद भरतपुर जनपद सीईओ स्वयं नहीं पहुंचे, उन्होंने तकनीकी सहायक और जनपद के स्वच्छता प्रभारी को मौके पर भेजा, जिसके बाद दोनों रास्ता ढूंढते जंगल में पहुंचे। दूसरी ओर मामले मेें वन भूमि को राजस्व भूमि बताकर स्वीकृति करने को लेकर पेंच फंसा हुआ है, क्योंकि स्वीकृति आदेश में स्पष्ट रूप से अंकित किया गया है कि कार्य की गुणवत्ता, प्राक्कलन, नक्शा के अनुसार नहीं पाया गया तो संबंधित एजेंसी एवं अनुविभागीय अधिकारी, उप अभियंता, तकनिकी सहायक संयुक्त रूप से जिम्मेदार होंगे।
वन भूमि पर निर्माण को लेकर मनेंद्रगढ़ वनमंडल के कुंवारपुर परिक्षेत्र के रेंजर श्री गुप्ता का कहना है, हमारी कार्रवाई प्रोसेस में है। जिस तरह बिना पूछे निर्माण कार्य करवाया गया है, उसी तरह हम भी कार्रवाई कर रहे हंै। उन्होंने कहा कि निर्माण के बाद अनुमति कैसे मिलेगी?
वहीं मामले में आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष रमाशंकर मिश्रा का कहना है कि सरकार को गुमराह करके निर्माण कार्य किया जाना बेहद निंदनीय है, जिला प्रशासन को चाहिए कि इस पर तत्काल कार्रवाई हो और इससे साफ है कि स्थल बिना निरीक्षण किए कार्य स्वीकृत हो रहे हैं, इनका निर्माण हो भी रहा है या नहीं इसकी भी लोगों को स्पष्ट जानकारी होनी चाहिए, यह तो सरकारी राशि का सीधा सीधा दुरूपयोग है।
जनपद पंचायत भरतपुर के कुंवारपुर में 3 दुकान व सामुदायिक शौचालय राजस्व भूमि का खसरा नंबर 107 लगाकर स्वीकृत कर दिया। अब जब खबर का प्रकाशन हुआ तो ग्राम पंचायत के साथ जनपद पंचायत भरतपुर में हडक़ंप मच गया।
जनपद पंचायत भरतपुर के सूत्र बताते हैं कि सोमवार को जनपद पंचायत के सीईओ ने मौके पर तकनीकी सहायक को भेजा, उन्होंने वापस लौट कर सीईओ को पूरी जानकारी दी, कि जिस स्थान पर निर्माण कार्य हुआ है, उसकी वन विभाग की अनुमति नहीं मिली है, अब निर्माण के बाद वन विभाग अनुमति देगा या नहीं, ये तय नहीं है।
शासन को गुमराह कर किया निर्माण
निर्माण कार्य की स्वीकृति जिला पंचायत की तत्कालीन सीईओ द्वारा जारी की गई। जारी आदेश के कंडिका क्रमांक 4 में उल्लेखित है कि कार्य की निर्धारित गुणवत्ता, प्राक्कलन, नक्शा के अनुसार नहंीं पाया गया तो संबंधित एजेंसी एवं अनुविभागीय अधिकारी, उप अभियंता, तकनीकी सहायक संयुक्त रूप से जिम्मेदार होंगे, ऐसे में निर्माण एजेन्सी ने राज्य शासन को गुमराह कर प्रशासकिय स्वीकृति ना सिर्फ बल्कि गलत स्थल पर निर्माण भी करा दिया, ऐसे में जनपद सीईओ किसी पर कार्रवाई न हो, इसके लिए जुगत लगाने में जुट गए हैं, ताकि किसी भी तरह सभी को बचाया जा सके।
227 सामुदायिक शौचालयों का हो रहा है निर्माण
स्वच्छ भारत मिशन के तहत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के निर्देश पर जिला पंचायत से 8 दिसंबर 2020 को जिले के सभी विकासखंडों के 227 ग्राम पंचायतों में 4 लाख 40 हजार की लागत से सामुदायिक शौचालय के निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृत जारी की है। इसमें वर्ल्ड बैंक परफार्मेस ग्रांट से 3 लाख, 15वें वित्त से 90 हजार, मनरेगा के तहत मजदूरी के 50 हजार, के हिसाब से 3 करोड़ 17 लाख 80 हजार स्वीकृत किए गए। जिसमें बैकुंठपुर विकासखंड में 50, भरतपुर में 53, खडग़वां में 56, मनेन्द्रगढ में 44, सोनहत में 27 सामुदायिक शौचालय का निर्माण जारी है।