कोरिया

राजस्व का खसरा नक्शा लगाकर करवा दिया निर्माण कार्य मंजूर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 26 दिसंबर। ग्राम पंचायत ने राजस्व का खसरा नक्शा लगाकर 3 दुकान और शौचालय स्वीकृत कराया और उसका निर्माण वन विभाग की भूमि पर 200 मीटर अंदर जंगल में करा दिया, अब न तो दुकान की नीलामी हो पा रही है और न ही दुकान किराए पर कोई लेने आगे आ रहा है, वहीं बनी तीन दुकानों भी एक साईज की नहीं है। अभी निर्माण अधूरा है जंगल से छोटे-छोटे पेड़ों को काटकर निर्माण में इनका उपयोग किया गया है।
इस संबंध में मनेन्द्रगढ़ वन मंडल के कुवांरपुर परिक्षेत्र के रेंजर श्री गुप्ता का कहना है कि मैंने कार्रवाई करने को कहा है, हमने किसी भी प्रकार की कोई अनुमति प्रदान नहीं की है, वन विभाग की भूमि पर निर्माण गैर कानूनी है।
कोरिया जिले के दूरस्थ क्षेत्र भरतपुर के ग्राम पंचायत कुंवारपुर के पंचायत प्रतिनिधियों के साथ सचिव ने गजब कारनामा कर डाला, ग्राम पंचायत कुंवारपुर के आश्रित ग्राम ककलेड़ी के जंगल में तीन दुकानों के साथ शौचालय का निर्माण करा दिया। जंगल में हुए इस निर्माण की स्वीकृति के लिए राजस्व भूमि का नक्शा खसरा नंबर लगाया गया और कार्य स्वीकृत हो गया।
लगभग 4 लाख की लागत से बने इन दुकानों के निर्माण के लिए जंगल से लकड़ी की कटाई की गई, काफी मात्रा में छोटे छोटे पेड़ों की बली दे दी गई, आज भी कई पेड़ों की लकड़ी निर्माण स्थल पर पड़ी हुई है। दुकान का निर्माण कुंवारपुर से मनौर के रास्ते ककलेड़ी ग्राम के मुख्यमार्ग से 200 मीटर अंदर जंगल में करवाया गया, निर्माण अभी अधूरा ही है।
बनाई गई तीनों दुकान अलग-अलग साईज की है, जबकि एक साईज की बनाई जानी चाहिए थी। निर्माण कार्य में भी अनियमितताओं के आरोप लग रहे हैं।
ग्रामीणों की माने तो यहां महामाया माता का धाम है, यहां एक हंैडपंप भी खुदवाया गया है। उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायतों में तीन दुकान उसके साथ एक शोचालय का निर्माण का कार्य होना था, जिन ग्राम पंचायतों को यह कार्य मिला है उन्होंने दुकानों का निर्माण पूर्ण कर उसकी नीलामी भी कर दी है। जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत को एक दुकान से 42 सौ रूपए सुरक्षा निधी के नाम पर जमा करना था और प्रतिमाह 5-6 सौ रूपए प्रतिमाह किराया वसूल करना था।
नहीं आ रहे दुकान लेने
भरतपुर का कुंवारपुर ग्राम पंचायत भरतपुर तहसीलमुख्यालय से 31 किमी दूर है, बहरासी ग्राम पंचायत से इसकी दूरी 16 किमी है, कुंवारपुर से लगी सीमा मप्र की है। कोरिया के जिला मुख्यालय होने के कारण यहां कभी कभार ही कोई अधिकारी पहुंच पाते हैं, बस इसी का फायदा सरकारी कार्यो में जमकर उठाया जा रहा है। कुंवारपुर जहां पर साप्ताहिक बाजार लगता है, वहीं सरकारी भूमि है, जहां इन दुकानों का निर्माण आसानी से करवाया जा सकता था।
लोगों का कहना है कि उक्त स्थल पर सामुदायिक भवन या शेड निर्माण कराया जा सकता था, उस स्थल पर दुकानों बनाना सरकारी राशि का दुरूपयोग मात्र है, कुंवारपुर से 3 किमी दूर सूनसान स्थान पर कौन उस दुकान को लेकर और प्रतिमाह किराया देगा।