कोरिया

काम नहीं होने के कारण दीगर प्रांत जा रहे ग्रामीण
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 24 दिसंबर। कोरिया जिले के दूरस्थ क्षेत्र मे गोठानों की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है, इन गोठानों में रखा सैकड़ों क्विंटल गोबर मिट्टी हो रहा है, वहीं यहां बनी खाद जिसे किसान ले जा रहे, वो बेअसर साबित हो रही है। इसके अलावा इन क्षेत्रों में कोई काम नहीं होने के कारण लोग दीगर प्रांत रोजी-रोटी की तलाश में जाने मजबूर हो रहे हंै।
कोरिया जिले के भरतपुर के ग्राम पंचायत कुंवारपुर के गोठान में पड़ा सैकड़ों क्विंटल गोबर मिट्टी में तब्दील हो गया, ग्राम पंचायत और स्वयं सहायता समूह की लापरवाही के कारण अक्टूबर से पड़ा गोबर जिसे खरीदा गया था उसकी सुध नहीं ली गई, न ही इसका खाद बनाया गया। यहां बने अंजोला टैंक और वर्मी टैंक गोबर से भरा हुआ है जो अब सूख कर मिट्टी हो चुका है। इसके अलावा यहां बनाया गया अवशिष्ट प्रबंधन केन्द्र बिना प्लाटर के रंग रोगन कर राशि निकाल ली गई है। वहीं सोशल मीडिया में इसकी जानकारी आने के बाद ग्राम पंचायत मिट्टी को चुके गोबर को यहां वहां लगाने में जुट गए, ताकि अधिकारियों के आने पर सब कुछ ठीक दिखे, जनपद पंचायत के सीईओ 23 दिसंबर को इस गोठान का दौरा करने वाले थे। परन्तु वो नहीं पहुंचे।
ग्रामीण बताते हैं कि मिट्टी हो चुके गोबर को जबरन कूट कूट कर बोरे में भर किसानों को दिया जा रहा है, जो किसी काम का नहीं है। दस रू किलो में मिलने वाला यह खाद एकदम बेअसर साबित हो रहा है। वहीं ग्रामीण बताते हैं कि कुंवारपुर क्षेत्र में कभी कभार ही अधिकारियों को दौरा होता है, जिसके कारण यहां की स्थित दयनीय हो चुकी है।
दीगर प्रांत जाने की मजबूरी
भरतपुर के ग्राम पंचायत कुंवारपुर मेें महिनों से कोई काम नहीं है। धान की खेती से फुर्सत होकर ग्रामीण की तलाश में यूपी, गुजरात का रूख कर रहे हैं। दरअसल, इस ग्राम पंचायत में दर्जनों ऐसे ग्रामीण हैं, जिन्हें 100 दिन काम नहीं मिला है। जो काम यहां हुए वो काफी छोटे-छोटे थे, पूर्व में यहां वित्तीय वर्ष मेे 150 दिन तक रोजगार मिला करता था। एक मात्र बेाल्डर चेकडेम का कार्य चल रहा है, ग्रामीणों का कहना है कि यदि कार्य स्वीकृत नहीं होते हैं, तो हमें अपना पेट पालने के लिए यूपी-गुजरात जाना ही पड़ेगा।