कोरिया

दारू मुर्गा की पार्टियों का दौर, कांग्रेस-भाजपा ने झोंकी ताकत
17-Dec-2021 8:44 PM
दारू मुर्गा की पार्टियों का दौर, कांग्रेस-भाजपा ने झोंकी ताकत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया) 17 दिसंबर।
नगर पालिका चुनाव को लेकर अंतिम दौर में वार्ड प्रत्याशियों एवं पार्टी पदाधिकारियों के द्वारा प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। 18 दिसंबर की रात्रि से चुनाव प्रचार का शोर गुल थम जायेगा। इसके बाद प्रत्याशी घर-घर संपर्क कर सकते हैं।

नगर पालिका बैकुंठपुर के 20 वार्ड और शिवपुर चरचा के 15 वार्ड के लिए आगामी 20 दिसंबर को मतदान होना है। नगरीय निकाय चुनाव में मतपत्र के माध्यम से चुनाव होगा। ठण्ड बढऩे के साथ ही वार्डों में चुनावी सरगर्मी बढ़ गयी है, वहीं मतदाताओं को लुभाने के लिए दारू-मुर्गा की पार्टियों को दौर भी जारी है।

अब अंतिम दौर में आक्रामक चुनाव प्रचार किया जा रहा है। नपा बैकुंठपुर चार वार्डों में सिर्फ दो ही प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जिसमें से एक भाजपा तथा दूसरा कांग्रेस पार्टी का उम्मीदवार है, ऐसे में इन दोनों वार्डों में सिर्फ दो के बीच ही मुकाबला है, जबकि कई वार्ड ऐसे हैं, जहां भाजपा कांग्रेस के बाद मात्र एक ही निर्दलीय है, ऐसे वार्डों में निर्दलीय थोड़ी दिक्कत भाजपा कांग्रेस के प्रत्याशियों के लिए खड़ी किये हुए हैं, लेकिन जीत-हार का फैसला भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशियों के बीच ही होगा।

वहीं नपा के करीब आधे वार्डों में भाजपा-कांग्रेस के लिए निर्दलीय प्रत्याशी मजबूत दीवार बनकर खड़े हो गये है, जिन्हें पार करना दोनों ही प्रमुख दलों के लिए टेढ़ी खीर साबित रही है। नपा बैकुंठपुर के कुछ वार्डों में निर्दलीय उम्मीदवार भी मजबूत स्थिति में हैं।
 
विकास को लेकर मांग रहे वोट
नगर पालिका शिवपुर चरचा व नपा बैकुण्ठपुर के नगरीय निकाय चुनाव में विकास के नाम पर वोट मांगी जा रही है। नपा बैकुण्ठपुर क्षेत्र में कई वार्ड के प्रत्याशी ऐसे हैं, जो दूसरे वार्ड के निवासी हैं और दूसरे वार्ड से चुनाव लड़ रहे हंै, जिनमें बाहरी वार्ड का प्रत्याशी ज्यादा बड़ा मुद्दा नहीं है, बल्कि विकास को मुख्य मुद्दा बनाकर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। वार्ड की मूलभूत सुविधाओं की बढ़ोत्तरी करने को लेकर चुनाव प्रचार किये जा रहे हंै। हालांकि छोटा शहर होने के कारण दूसरे वार्ड के निवासी प्रत्याशी दूसरे वार्ड में जाकर चुनाव भले लड़ रहे हंै, लेकिन वे जाना पहचाना नाम है। इस कारण बाहरी प्रत्याशी होने का कोई खास असर इस चुनाव में नहीं दिख रहा है, सिर्फ विकास की बात हावी है।


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