कोरिया

तब भाजपा के मंत्रियों के पसीने छूटे थे और आज कांग्रेस मंत्री के
13-Dec-2021 5:47 PM
तब भाजपा के मंत्रियों के पसीने छूटे थे और आज कांग्रेस मंत्री के

हमेशा रोचक रहा है नगर पालिका बैकुंठपुर का मुकाबला

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 13 दिसंबर।
कोरिया जिले के बैकुंठपुर नगर पालिका आजादी के पूर्व से ही नपा का दर्जा प्राप्त है, तब कोरिया जिला मुख्यालय कोरिया रियासत की राजधानी थी। इस तरह बैकुंठपुर नगर पालिका कोरिया जिले के सबसे पुराना नपा क्षेत्र के रूप में आज भी जिले के प्रमुख राजनीतिक अखाड़ा बना हुआ है। एक समय ऐसा भी देखा गया, तब भाजपा के मंत्री चुनाव को लेकर काफी परेशान रहे, हालात यह थी कि भाजपा के मंत्रियों का पसीना छूट गया था तो आज कांग्रेस के मंत्री परेशान नजर आ रहे हंै।

नगरीय निकाय चुनाव में बैकुंठपुर नगर पालिका का चुनाव हमेशा से ही रोचक रहा है। पूर्व के नगरीय निकाय चुनाव को देखे तो पूर्व में एक दौर ऐसा था, जब भाजपा से कांग्रेस में गये पूर्व विधायक द्वारका गुप्ता की पत्नी किशोरी गुप्ता स्लेट छाप से चुनाव लड़ी, उनका मुकाबला कांग्रेेस के प्रदीप गुप्ता की पत्नी से हुआ, जिसमें किशोरी गुप्ता को जीत मिली। संपन्न हुए इस चुनाव में दलीय आधार पर चुनाव नहीं होते थे।

 इसके बाद वर्ष 2004 में भाजपा की सरकार प्रदेश की सत्ता में आयी, तब दलीय आधार पर चुनाव हुए। जिसमें भाजपा से तीरथ गुप्ता और कांग्रेस ने अब प्रदीप गुप्ता को मौका दिया। प्रतिष्ठापूर्ण इस चुनाव में स्व. तीरथ गुप्ता को जीत मिली। इसी बीच सरकार ने शहर से जुड़ी कुछ ग्राम पंचायतों को शामिल कर नगर पंचायत बैकुण्ठपुर को नगर पालिका का दर्जा दिया। जिसके कारण अगला चुनाव वर्ष  2010 में संपन्न हुआ। इसके चलते नगर पंचायत अध्यक्ष रहे स्व तीरथ गुप्ता को एक्सटेंशन का लाभ मिला। इसके बाद हुए चुनाव में भाजपा से जुड़े शैलेष शिहवरे जिन्होंने एसईएसीएल की अपनी नौकरी छोड़ी और भाजपा से बागी होकर नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव में निर्दलीय तौर पर अध्यक्ष का चुनाव लड़े। आज तक यह एतिहासिक चुनाव ऐसा था कि पूरे प्रदेश की नजर इस पर टीक गई थी। वहीं भाजपा ने फिर से पूर्व अध्यक्ष स्व तीरथ गुप्ता को तथा कांग्रेस ने प्रदीप गुप्ता को अपना उम्मीदवार बनाया, लेकिन इस बार के चुनाव में भाजपा के बागी शैलेश शिवहरे ने चुनाव लडक़र काफी बड़े अंतर से कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशी को हराकर सबको चौका दिया। तब भाजपा के दिग्गज मंत्रियों के पसीने छूट गए थे, जिसके तीन साल बाद भाजपा ने बागी शैलेष शिवहरे को वापस घर बुला लिया।

 इसी बीच वर्ष 2015 में संपन्न चुनाव में कांग्रेस ने नपा अध्यक्ष के लिए नया चेहरा ठेकेदार अशोक जायसवाल को चुनाव मैदान में उतारा तथा भाजपा ने पूर्व नपा अध्यक्ष शैलेष शिवहरे को  मौका दिया, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। जबकि प्रदेश की सत्ता में भाजपा की सरकार थी। अब कांग्रेस प्रदेश की सत्ता में है, ऐसे में कांग्रेस जिले के दोनों नगरीय निकाय में अपना कब्जा करने की पूरी कोशिश में है।

विष्णुदत्त गुप्ता ही एक से अधिक बार बने नपाध्यक्ष
नगर पालिका बैकुंठपुर के अध्यक्ष पद को लेकर यह मिथक लोगों में बन गया है कि यहां जो एक बार नपा अध्यक्ष का चुनाव जीतता है दुबारा वह अध्यक्ष का चुनाव नहीं बन पाता है। और देखा जाये तो लंबे समय के दौर में दुबारा ऐसा मौका नहीं आया, जब कोई अध्यक्ष दुबारा नपा अध्यक्ष का चुनाव जीता हो।

स्व तीरथ गुप्ता जैसे राजनीतिज्ञ भी एक बार के बाद दुबारा अध्यक्ष पद नहीं बन पाए, लेकिन शुरूआती नगर पालिका चुनाव को देखा जाये तो स्व विष्णदत्त गुप्ता ही शहर के ऐसे शख्स रहे जो एक से अधिक बार नगर पालिका बैकुंठपुर का अध्यक्ष बनाये गये। इनके बाद लंबा अरसा बीत गया, जब कोई भी शख्स दुबारा नगर पालिका अध्यक्ष पर आसीन नहीं हुआ। जिसके कारण ही अब शहर के लोगों में यह बात घर कर गयी कि नपा बैकुण्ठपुर में एक बार अध्यक्ष बनने वाला दुबारा अध्यक्ष नहीं बनता।

नगर पालिका से नगर पंचायत
आजादी के बाद नगर पालिका बैकुंठपुर का चुनाव होना शुरू हुआ, इस दौरान एक दौर ऐसा आया जब नगर पालिका का दर्जा प्राप्त बैकुंठपुर को नगर पालिका से नगर पंचायत बना दिया गया और एक सत्र के बाद फिर से शहर से जुड़ी ग्राम पंचायतों को शामिल कर नगर पालिका का दर्जा दे दिया गया। जब नपा बैकुंठपुर से लगे ग्राम पंचायतों को नगरीय निकाय में शामिल किया गया और अपेक्षित विकास नहीं हुआ, तब लोगों के विरोध के बाद फिर से नये जुड़े ग्रामों को ग्राम पंचायत बना दिया गया और पूर्व के क्षेत्र ही अब नगर पालिका के रूप में आ गयी।

नगर पालिका बैकुंठपुर का चुनाव अपने शुरूआती दौर से ही बेहद दिलचस्प रहा है। हलांकि यह पूरा खेल राजनैतिक था बाद में भाजपा के पूर्व मंत्री को इसका एहसास हुआ तब तक काफी देर हो चुकी थी और उन्हें चुनाव में इसका खासा खामियाजा भुगतना पड़ा।
 


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