कोण्डागांव

बस्तर ओलंपिक केवल खेल नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का माध्यम- लता उसेंडी
12-Nov-2025 11:05 PM
बस्तर ओलंपिक केवल खेल नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का माध्यम- लता उसेंडी

जिला स्तर बस्तर ओलंपिक का शुभारंभ

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

 कोंडागांव, 12 नवंबर। जनप्रतिनिधियों और खिलाडिय़ों के बीच हुई उत्साहजनक रस्साकस्सी के साथ बुधवार को बस्तर विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष एवं विधायक लता उसेंडी के मुख्य आतिथ्य में खेलो इंडिया मैदान, कनेरा रोड में जिला स्तरीय बस्तर ओलंपिक का भव्य शुभारंभ हुआ। बस्तर संभाग के अंदरूनी क्षेत्रों की प्रतिभाओं को एक मंच देने और युवाओं को मुख्यधारा से जोडऩे के उद्देश्य से यह आयोजन पूरे संभाग में ब्लॉक और जिला स्तर पर किया जा रहा है।

कोंडागांव जिले में ब्लॉक स्तरीय प्रतियोगिताओं के सफल आयोजन के बाद आज से जिला स्तरीय मुकाबलों की शुरुआत हुई है। इस वर्ष जिलेभर से 59,609 खिलाडिय़ों ने अपना पंजीयन कराया है। खिलाडिय़ों के लिए भोजन, स्वास्थ्य जांच, बैठने और पेयजल की समुचित व्यवस्था की गई है। यह प्रतियोगिता 15 नवम्बर तक चलेगी।

मुख्य अतिथि विधायक लता उसेंडी ने कहा कि बस्तर ओलंपिक केवल खेल नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बन गया है। उन्होंने कहा, मुख्यधारा से भटके लोगों को समाज से जोडऩे और बस्तर के विकास में भागीदारी दिलाने की यह अनोखी पहल है। जो खिलाड़ी मैदान में मेहनत करेगा, उसका समय जरूर आएगा।

कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना ने खिलाडिय़ों से नियमों का पालन करने और पूरे मनोयोग से खेल में भाग लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी संभाग स्तर पर जिले का प्रतिनिधित्व करेंगे, मैं आशा करती हूँ कि वहां भी जिले का नाम रोशन करेंगे।

 नगर पालिका अध्यक्ष  नरपति पटेल ने कहा कि यह आयोजन पारंपरिक और आधुनिक खेलों का संगम है, जो अंदरूनी क्षेत्रों की प्रतिभाओं को निखारने का एक सशक्त मंच बन गया है।

इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष रीता सोरी, जनपद अध्यक्ष अनीता कोर्राम, जिला पंचायत सदस्य भगवती नेताम, जनपद उपाध्यक्ष टोमेंद्र ठाकुर, नगर पालिका उपाध्यक्ष जसकेतू उसेंडी, दीपेश अरोरा, मनोज जैन, सोना मणि, जीतू सुराना सहित जिला पंचायत सीईओ श्री अविनाश भोई, स्थानीय जनप्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में बस्तर ओलम्पिक का यह आयोजन बस्तर के युवाओं में नई ऊर्जा और विश्वास के साथ परिवर्तन की लहर ला रहा है।

 बस्तर के युवा अब बंदूक नहीं, बल्कि जुडो, तीरंदाजी, कबड्डी और हॉकी के मैदानों से अपनी नई पहचान गढ़ रहा है। जिसके तहत खेलों को सामाजिक एकता और विकास का माध्यम बन रहा है। खेलों के माध्यम से जहां युवाओं में आत्मविश्वास और अनुशासन बढ़ा है, वहीं ग्रामीण अंचलों में सकारात्मक माहौल का निर्माण हुआ है। यह आयोजन ‘खेलों से विकास, खेलों से विश्वास’ की भावना को साकार कर रहा है।


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