कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 9 नवम्बर। नागरिक आपूर्ति निगम (नान) में हुए धोखाधाड़ी के मामले ने अब नया मोड़ ले लिया है। विभाग ने बीते दिनों इस मामले में संलिप्त कर्मियों को निलंबित तो कर दिया, लेकिन अब निलंबित कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने और जिला प्रबंधक पर कार्रवाई की मांग तेज हो गई है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार, नान कर्मियों ने जांच की आड़ में मामले को दबाने की कोशिश की है। बताया जा रहा है कि जिन कर्मियों पर गबन का आरोप है, उन्हें बहाल कर बचाने का प्रयास किया जा रहा है। कानूनी जानकारों का कहना है कि यह गंभीर आर्थिक अपराध की श्रेणी में आता है और संबंधित अधिकारियों पर पुलिस में एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए।
मामला मसोरा वेयरहाउस के गोदाम से जुड़ा है, जहां एक लॉट नंबर की चावल बोरियां स्टेक की गई थीं। जांच के दौरान उन बोरियों का सैंपल फेल पाया गया। नियमों के अनुसार, यह चावल मिलर्स को वापस जाना था, लेकिन जिला प्रबंधक के संरक्षण में डिपो प्रभारी और गुणवत्ता निरीक्षक ने मिलर्स से मिलीभगत कर उसी लॉट नंबर को बदल दिया और खुटडोबरा गोदाम में स्टेकिंग करा दी।
विभागीय जांच में अनियमितता की पुष्टि होने के बाद नान प्रबंध संचालक के निर्देश पर सहायक प्रदाय केंद्र प्रभारी खुटडोबरा को निलंबित किया गया तथा गुणवत्ता निरीक्षक को बर्खास्त कर दिया गया। अब जिले में नान के जिला प्रबंधक पर कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही।


