कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंडागांव, 14 अक्टूबर। शासकीय गुंडाधुर स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कोंडागांव में प्राचार्य डॉ. सरला आत्राम के निर्देशन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 क्रियान्वयन प्रकोष्ठ एवं भारतीय ज्ञान परंपरा, देशज संसाधन एवं संस्कृति प्रकोष्ठ के तत्वावधान में ‘भारतीय ज्ञान परंपरा — बस्तर के विशिष्ट संबंध में’ विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
स्वागत उद्बोधन प्राचार्य डॉ. सरला आत्राम ने प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा — भारतीय ज्ञान परंपरा केवल अतीत का गौरव नहीं, बल्कि वर्तमान और भविष्य के लिए दिशा-सूचक दीप है। बस्तर की संस्कृति, लोकजीवन और परंपराएँ इसी अखंड भारतीय परंपरा की जीवंत मिसाल हैं। नई शिक्षा नीति इसी ज्ञान को आधुनिक शिक्षा से जोडऩे का प्रयास है।
मुख्य अतिथि डॉ. राजाराम त्रिपाठी, संस्थापक मां दंतेश्वरी हर्बल प्लांट, ने कहा — बस्तर के वनों में छिपे औषधीय पौधे और परंपरागत चिकित्सा ज्ञान भारत की अनुपम धरोहर हैं। हमें इस पारंपरिक ज्ञान को वैज्ञानिक अनुसंधान से जोडक़र विश्व मंच पर प्रस्तुत करना चाहिए।
डॉ. किरण नुरूटी ने कहा —बस्तर का आदिवासी समाज भारतीय ज्ञान परंपरा का सजीव स्वरूप है। यहाँ के त्योहार, नृत्य, गीत, विवाह संस्कार और कृषि पद्धतियाँ — सभी में प्रकृति, अध्यात्म और सामाजिक एकता का दर्शन होता है। यह हमें सिखाता है कि ज्ञान केवल पुस्तकों में नहीं, बल्कि लोकजीवन के अनुभवों में भी निहित है।
विशिष्ट अतिथि बलिराम नेताम, पूर्व सरपंच एवं समाजसेवी ने कहा — आदिवासी समाज की जीवनशैली प्रकृति के प्रति गहरे सम्मान और संतुलन की सीख देती है। यही भारतीय ज्ञान परंपरा का मूल है, जो हमें ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ का मार्ग दिखाती है।
विशिष्ट अतिथि हर्ष लाहोटी, पूर्व छात्र एवं समाजसेवी ने कहा — नई शिक्षा नीति युवाओं को केवल रोजगार नहीं, बल्कि जिम्मेदार नागरिकता और सृजनात्मकता का बोध कराती है। हमारी संस्कृति को आधुनिक तकनीक से जोडऩा ही सच्चा नवाचार है।
कार्यक्रम का संचालन कुशलता से शशिभूषण कन्नौजे ने किया तथा आभार प्रदर्शन शोभाराम यादव द्वारा किया गया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक — डॉ. किरण नुरूटी, पुरोहित सोरी, शोभाराम यादव, रूपा सोरी, डॉ. देवाशीष हालदार, नसीर अहमद, नेहा बंजारे, डॉ. आकाश वासनीकर, अर्जुन सिंह नेताम, समलेश पोटाई, लोचन सिंह वर्मा सहित समस्त प्राध्यापकगण उपस्थित रहे।
गणमान्य नागरिक, पत्रकार, पालक एवं विद्यार्थीगण बड़ी संख्या में उपस्थित होकर कार्यक्रम की सफलता में सहभागी बने।


