कोण्डागांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 9 जुलाई। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) का 18वां स्थापना दिवस समारोह कोण्डागांव स्थित इकाई में पूरे सम्मान, उत्साह और देशभक्ति के भाव के साथ मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित मुख्य कार्यक्रम में ध्वजारोहण की रस्म डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (डीआईजी) संजीव रोलबा द्वारा संपन्न की गई। आयोजन स्थल पर आईटीबीपी के अधिकारी, जवान, उनके परिजन और स्थानीय नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
ध्वजारोहण के बाद उपस्थित जवानों को संबोधित करते हुए डीआईजी रोलबा ने स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं और बल की निष्ठा, अनुशासन और समर्पण को सराहा। उन्होंने कहा कि देश की आंतरिक और सीमावर्ती सुरक्षा में अहम भूमिका निभा रही आईटीबीपी आज छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में एक मजबूत सुरक्षा कवच बन चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि नारायणपुर, कोण्डागांव और आसपास के जंगल क्षेत्रों में बल की तैनाती ने स्थानीय ग्रामीणों में विश्वास और सुरक्षा की भावना को गहरा किया है।
डीआईजी ने यह भी उल्लेख किया कि आईटीबीपी न केवल सैन्य मोर्चे पर सक्रिय है, बल्कि समाजसेवा और जनहित कार्यों में भी आगे है। उन्होंने बताया कि बल द्वारा समय-समय पर चिकित्सा शिविर, सामुदायिक कार्यक्रम, स्कूल सहयोग, खेल प्रतियोगिताएं और आपदा राहत कार्यों का आयोजन किया जाता है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस और जनता के बीच सहयोग और भरोसा लगातार मजबूत हो रहा है। स्थापना दिवस पर जवानों के लिए विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम और सामूहिक भोज का भी आयोजन किया गया, जिसमें सभी ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
इसी तरह का उल्लासपूर्ण समारोह आईटीबीपी के क्षेत्रीय मुख्यालय, खोर्द्धा (भुवनेश्वर, ओडिशा) में भी मनाया गया, जहां ध्वजारोहण के साथ-साथ जवानों के लिए सामूहिक भोज और सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया।
स्थापना दिवस का यह आयोजन न केवल बल की गौरवशाली परंपरा को सहेजने का प्रतीक रहा, बल्कि यह भी संदेश देता है कि जब तक ऐसे अनुशासित, समर्पित और निस्वार्थ बल देश की सेवा में लगे हैं, तब तक देश की सीमाएं और आंतरिक सुरक्षा मजबूत हाथों में सुरक्षित हैं।