खैरागढ़-छुईखदान-गंडई

जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा
02-Apr-2025 3:23 PM
जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

खैरागढ़, 2 अप्रैल। कलेक्टर  चन्द्रकांत वर्मा ने समय सीमा की बैठक लेकर विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में वात्सल्य योजना, प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना, नियद नेल्लानार सहित अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा की गई।

कलेक्टर  वर्मा ने चाईल्ड हेल्पलाइन सेंटर, हाईकोर्ट में लंबित प्रकरण की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। इसके अलावा समय सीमा के लंबित प्रकरणों को जल्द निपटारा करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने जनदर्शन के माध्यम से आमजन की समस्याएं भी सुनी। उन्होंने जनदर्शन में मिले आवेदनों का समय सीमा में निराकण करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ एवं एडीएम  प्रेम कुमार पटेल, अपर कलेक्टर  सुरेन्द्र कुमार ठाकुर, संयुक्त कलेक्टर  सुमन राज, डिप्टी कलेक्टर अविनाश ठाकुर, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व खैरागढ़  टंकेश्वर प्रसाद साहू, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व छुईखदान  रेणुका रात्रे, डिप्टी कलेक्टर  पूजा पींचा सहित जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।

कलेक्टर  वर्मा ने वात्सल्य योजना की समीक्षा करते हुए ज्यादा से ज्यादा हितग्राहियों को लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि योजना की पात्रता रखने वाले प्रत्येक जरूरतमंद बच्चों को लाभ पहुंचना चाहिए। ताकि आर्थिक तंगी अभाव में उनका पालन—पोषण में कोई दिक्कत न आए। विभागीय जानकारी अनुसार एकीकृत बाल संरक्षण योजना, मिशन वात्सल्य महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत प्रवर्तकता कार्यक्रम के तहत 18 वर्ष से कम आयु के देख-रेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों को चिकित्सकीय, पोषण, व्यावसायिक प्रशिक्षण एवं शैक्षिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु परिवारों को अनुपूरक सहायता के रूप में धन राशि प्रदान किया जाना है, जिससे बच्चे के जीवन स्तर की गुणवत्ता में सुधार हो सके और बालक का सर्वोत्तम हित सुनिश्चित किया जा सके।

पुनर्वास श्रेणी अंतर्गत ऐसे बच्चों को 4 हजार रूपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जाती है, जो परिवार के आर्थिक अभाव के कारण मिशन वात्सल्य के तहत संचालित बाल देखरेख संस्थाओं में निवासरत है, उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान कर परिवार में पुनर्वासित किया जाता है। निवारक प्रवर्तकता के तहत समुदाय में निवासरत ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है तथा विस्तारित परिवार की देखरेख में रहते है। एकल माता-पिता के बच्चे, विशेषकर विधवा या तलाकशुदा या परिवार द्वारा परित्यक्त माता के बच्चे। माता-पिता द्वारा परित्यक्त बच्चे, जो विस्तारित परिवार की देखरेख में रहते है। ऐसे बच्चे, जिनके माता-पिता जेल मे हो। ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता अक्षम या बच्चों की देखभाल करने में आर्थिक और शारीरिक रूप से असमर्थ हो। ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता गंभीर बीमारी से पीडि़त है। किशोर न्याय बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम 2015 यथा संशोधित 2021 के अनुसार देखरेख और संरक्षण के आवश्यकता वाले बच्चे जैसे बेघर, प्राकृतिक आपदा के शिकार, बालश्रम, बाल विवाह के शिकार, अवैध मानव परिवहन किये गये बच्चे, एचआईवी, एड्स प्रभावित बच्चे, नि:शक्त बच्चे, गुमशुदा या भागे हुए बच्चे, बाल भिक्षुक या सडक़ पर रहने वाले बच्चे, प्रताडित या शोषण किये गये बच्चे।

पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के हितग्राही बच्चे इन सभी श्रेणी के बच्चे 4 हजार रूपये प्रति माह आर्थिक सहायता प्राप्त करने के पात्र है।


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