कांकेर

सांसद मंडावी ने लोस में वनोपज संग्रहणकर्ता को निर्धारित मूल्य दिलाने की रखी मांग
21-Jul-2021 9:03 PM
सांसद मंडावी ने लोस में वनोपज संग्रहणकर्ता को निर्धारित मूल्य दिलाने की रखी मांग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कांकेर, 21 जुलाई। लोकसभा मानसून सत्र के दौरान कांकेर सांसद मोहन मण्डावी ने 20 जुलाई को अविलंबनीय लोकसभा के विषय का उल्लेख करने की अनुमति प्राप्त कर लोकसभा में छ.ग. के राज्य सरकार के कोरोनाकाल में राज्य में वनोपज का संग्रहणकर्ताओं को उचित मूल्य दिलाने के दावा को पूर्णत: झूठा बताया है।

मंडावी ने बताया कि कोरोनाकाल में हाटबाजार पूरी तरह से बंद था। इसका फायदा छ.ग. की सरकार ने पूरे योजनाबद्ध तरीके से कुछ व्यापारियों तक पहुँचाया है । छ.ग. राज्य महुआ फुल, इमली, चिरौंजी, गोंद, लाख, व अन्य वनोपज का एशिया में बड़ा उत्पादक राज्य है। इस वनोपज का लाभ पहुँचाने के नियत से कम दामों में खरीदी कर छ.ग. के वनोपज संग्रहणकर्ताओं भोले-भाले आदिवासियों के साथ धोखाधड़ी किया है।

सांसद मोहन मण्डावी ने सदन को अवगत कराया कि वनोनज संग्रह और उसके व्यापार पर देश में सरकारी आँकड़ों के अनुसार करीब एक हजार करोड़ रू. का प्रतिवर्ष आमदानी होती है।

वनोपज संग्रहकर अपनी जीवकोपार्जन करने वाले आदिवासियों को कोरोना के इस संकट काल में छ.ग. प्रदेश की सरकार ने अधिक दोहन किया है । उनके हक का हनन किया है।

  सांसद मोहन मण्डावी ने सदन के माध्यम से कहा कि पुन: वनोपज संग्रहणकर्ता आने वाले वर्षों में भी लुटे न जाए, इस लिहाज से छ.ग. में वनोपज की उचित व निर्धारित मूल्य का लाभ संग्रहकों को प्राप्त हो सके, तथा उन्हें हक दिया जा सके।


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