कांकेर

पिता की मृत्यु नहीं हत्या हुई, बेटे ने लगाए आरोप
09-Jul-2021 9:04 PM
 पिता की मृत्यु नहीं हत्या हुई, बेटे ने लगाए आरोप

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

भानुप्रतापपुर, 9 जुलाई। कन्हैया लाल गावड़े की संदिग्ध मौत तालाबंद झोपड़ी में 3 जून को हुई थी। इस मामले को लेकर उनके पुत्र ने शुक्रवार को पत्रकारों के समक्ष बड़ा खुलासा किया और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई।

उन्होंने पत्रकारवार्त में पूर्व थाना प्रभारी शशीकला उइके के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि शिकायत करने पर पुलिस के द्वारा उनके साथ मारपीट करते हुए अंदर करने की धमकी दी गयी थी, वहीं उनके द्वारा नवकार ज्वेलर्स वाले से मिलकर मामले को रफा दफा करने के लिए भी कहा गया। दामाद सुनील नरेटी व बेटियों के अलावा नवकार ज्वेलर्स के व्यापारी अमृत बोथरा, मुकेश बोथरा एवं सौर्य हार्डवेयर के पिन्टू राठी के नाम लेकर उन पर भी घटना में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। पूरा मामला जमीन की खरीदी बिक्री व पैसे के लालच में हत्या से जुड़ा हुआ है।

मृतक के पुत्र संजू गावड़े ने बताया कि पिताजी को मेरे बहन व जीजा के द्वारा मारपीट किया गया, जिसका वीडियो रिकार्डिंग है। उसे थाना में दिखाने पर थाना प्रभारी के द्वारा मोबाइल को जप्ती कर वीडियो को डिलीट कर फर्जी केस बना कर अंदर करने की धमकी दी गयी। मेरे पिताजी को गला दबाकर मारा गया व एसिड से जलाया गया। पहले भी पिताजी से मारपीट की गई थी, जिससे उनका पैर टूट गया था, जो कि पीएम रिपोर्ट में नहीं लिखा गया है। इससे स्पष्ट होता है कि  ठीक से मामले की जांच नहीं हुई और पैसे लेकर मामले को दबाने का प्रयास किया गया है।

इस संबंध में पूर्व थाना प्रभारी शशीकला उइके ने बताया कि मेरे पास लिखित में किसी भी प्रकार की कोई शिकायत नहीं आई थी। वहीं सर्व आदिवासी समाज के जिला सचिव ज्ञान सिंह गौर ने बताया कि कन्हैया गावड़े की मौत का मामला गंभीर है, इसकी निष्पक्ष जांच कराई जाएगी एवं दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

जानिए क्या है पूरा मामला

मृतक कन्हैयालाल गावड़े ने जीवित रहते अपने शिकायत पत्र में जमीन खरीदी बिक्री के मामले का हवाला देते हुए लिखा है कि उनकी जमीन नवकार ज्वेलर्स संचालकों ने सौदा की थी और यह जमीन के क्रेता गिरधर राम पुजारी सबलपुर है। जिसे मैं जानता तक नहीं हूं। मुझे कहा गया था कि हम आदिवासी जमीन खरीद रहे हैं और कलेक्टर से अनुमति लेकर और मुझे धोखा दिया गया है। 9 फरवरी को पीएनबी के मेरे खाते में  नगदी 30 लाख जमा कराए गए। मुझे शेष राशि ?4 लाख 74 हजार देने का था, पर यह राशि भी नहीं दी गई। मुझे रेलवे स्टेशन की ओर जबर्दस्ती लेकर गए जहां 3 से 4 दिन बंधक बनाकर रखा गया। जबर्दस्ती मुझसे पीएनबी बैंक के कागजात में हस्ताक्षर कराए गए। इसको लेकर थाने में रिपोर्ट लिखवाने गया तो मेरा रिपोर्ट नहीं लिखी गई उल्टे कहा गया की तुम झूठ बोल रहे हो।

खाते से 3 दिन में निकाले 30 लाख

कन्हैयालाल गावड़े के खाते में जमीन बिक्री के मामले में कथित सौदा के अनुसार 36 लाख 90 हजार में 0.90 एकड़ जमीन की दाम तय हुआ। इसके बाद गावड़े के पीएनबी बैंक के खाते में 9 फरवरी को नगदी 30 लाख जमा किया गया। इसके बाद यह राशि 10 फरवरी को 60 हजार एचएनपीएसीआर नार्मल ट्रांसफर हुआ। चेक क्रमांक 839407 से 5 लाख सेल्फ निकाली गई। सुनील नरेटी के नाम से चेक क्रमांक से 10 लाख खाते में ट्रांसफर हुआ। 12 फरवरी को चेक क्रमांक 83940 नवकार ज्वेलर्स में 4 लाख का आरटीजीएस हो गया वही इसी तारीख को चेक क्रमांक 83943 से शौर्य हार्डवेयर के नाम से 10 लाख का आरटीजीएस किया गया है। इस  प्रकार खाते से 3 दिन में 30 लाख खाली हो गया। इसके बाद मृतक ने शिकायत किया है कि उन्हें पैसा नहीं मिला, और न ही 4 लाख 74 हजार और लेना था वह राशि भी नहीं दी गई।

सौदा 36.90 लाख पर रजिस्ट्री 2.16 हजार की

मृतक के जमीन बिक्री का सौदा 36.90 लाख में हुआ और सरकारी मूल्य के आधार पर 0.90 एकड़ जमीन 2.16 लाख बताकर रजिस्ट्री कराया गया। इस प्रकार स्टाम्प ड्यूटी में भी गोलमाल किया गया।  26 फरवरी को एसपी कांकेर को तथा  अनुसूचित जनजाति आयोग और 24 मार्च को कलेक्टर को शिकायत किया था इस पर क्या कार्यवाही हुई किसी को पता नहीं है। वहीं 3 जून को रेलवे स्टेशन के पास झोपड़ी में बाहर ताला लगा था और यहां कन्हैयालाल गावड़े की लाश मिली।


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