अंतरराष्ट्रीय
-ह्यूगो बाचेगा
ग़ज़ा में युद्ध की वजह से मारे जाने वाले लोगों की संख्या बढ़ने के बाद भी इसराइल ने युद्धविराम की अंतरराष्ट्रीय मांगों की अनदेखी जारी रखी है.
इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतान्याहू ने कहा कि उनका लक्ष्य हमास का ख़ात्मा करना है.
इसके साथ ही इसराइल अथॉरिटीज़ का कहना है कि वे आम लोगों को बचाने की दिशा में कदम उठा रही हैं.
उनका कहना है कि इस वक़्त जंग के रुकने से हमास को ही फ़ायदा होगा.
इसराइल शायद हमास के बुनियादी ढांचे को तबाह कर दे लेकिन इसकी विचारधारा संघर्ष करती रहेगी.
ब्रिटेन के पूर्व रक्षा सचिव बेन वॉलेस का कहना है कि इसराइल की रणनीति अगले पचास सालों के लिए इस संघर्ष में जान फूंकेगी और पूरी दुनिया में मुस्लिम युवाओं को चरमपंथी बनाने का जोखिम उठाएगी.
अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉएड ऑस्टिन इस समय इसराइली नेताओं से मिलने के लिए इसराइल में ही मौजूद हैं.
उन्होंने भी इस महीने की शुरुआत में कहा था कि इसराइल ने ग़ज़ा में इतने सारे लोगों को मारकर फ़लस्तीन को हमास की ओर धकेलने का जोख़िम उठाया है.
हमास शासित ग़ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक़, इस युद्ध में अब तक लगभग बीस हज़ार लोगों की मौत हो चुकी है.
बीते दिनों सफ़ेद झंडा लेकर चल रहे अपने ही तीन बंधकों (इसराइली नागरिकों) को ग़लतफ़हमी में इसराइली सैनिकों ने मार दिया. इसके बाद नेतान्याहू पर एक अन्य युद्धविराम के लिए बातचीत करने का दबाव बढ़ा है.
इस घटना ने इसराइली सेना की आलोचनाओं को भी हवा दी है.
अधिकारियों ने बार-बार कहा है कि यह घटना सेना के युद्ध लड़ने के नियमों का उल्लंघन थी.
लेकिन कुछ आलोचक कहते हैं कि यह इसराइली सेना की ओर से उन लोगों पर गोली चलाने का एक अन्य मामला है जिन्होंने किसी तरह का ख़तरा पेश नहीं किया था. पढ़ें बीबीसी पर का लिखा-


