अंतरराष्ट्रीय
इसराइल और हमास के बीच संघर्ष शुरू होने के बाद पहली बार मिस्र ने रफ़ाह बॉर्डर को विदेशी नागरिकों और गंभीर रूप से घायल फ़लस्तीनी लोगों के लिए खोला है.
अब तक 400 से ज़्यादा विदेशी नागरिक और गंभीर रूप से घायल फ़लस्तीनी रफ़ाह बॉर्डर के जरिए मिस्र में दाखिल हुए हैं.
ग़ज़ा से बाहर जाने वालों में डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के भी 22 कर्मी शामिल हैं.
एक बयान में इस चैरिटी संस्था ने कहा कि उनके सभी अंतरराष्ट्रीय कर्मी जो ग़ज़ा से बाहर नहीं निकल पा रहे थे, वो रफ़ाह क्रॉसिंग के जरिए चले गए.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि उनका प्रशासन अमेरिकी लोगों को जल्द से जल्द ग़ज़ा से बाहर निकालने के लिए लगातार काम कर रहा है.
बाइडन ने कहा कि रफ़ाह बॉर्डर को खोला जाना इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू और मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फ़तेह अल सिसी तथा इस क्षेत्र के अन्य सहयोगियों के साथ 'गहन और अति आवश्यक' कूटनीति का परिणाम है. उन्होंने इसके लिए क़तर का भी शुक्रिया अदा किया.
रफ़ाह क्रॉसिंग क्या है?
रफ़ाह क्रॉसिंग ग़ज़ा पट्टी के दक्षिण में स्थित एक बॉर्डर क्रॉसिंग है.
यह ग़ज़ा पट्टी को मिस्र के सिनाई रेगिस्तान से जोड़ता है. ग़ज़ा पट्टी क्षेत्र में इसके अतिरिक्त इरेज़ और केरेम शलोम नामक दो अन्य बॉर्डर क्रॉसिंग हैं. इनमें से इरेज़ क्रॉसिंग उत्तरी ग़ज़ा को इसराइल से जोड़ता है.
केरेम शलोम भी इसराइल और ग़ज़ा के बीच स्थित क्रॉसिंग है लेकिन इसका इस्तेमाल सिर्फ़ व्यापारिक गतिविधियों के लिए किया जाता है. इसराइल के हमास के ख़िलाफ़ जवाबी कार्रवाई शुरू करने के बाद से ये दोनों बॉर्डर क्रॉसिंग बंद हैं. (bbc.com/hindi)


