अंतरराष्ट्रीय

अमेरिका ने कहा है कि उससे सैन्य साज़ो-सामान की मदद चाहने वाले देशों के लिए भारत एक ‘बढ़िया उदाहरण’ है.
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के प्रवक्ता पैट राइडर ने कहा कि अमेरिका समझता है कि कुछ देशों को रूसी या सोवियत युग के हथियारों के रखरखाव की ज़रूरत होती है.
उन्होंने कहा, “कई ऐसे देश हैं जिन्होंने रूस के साथ रक्षा संबंध बनाए हुए हैं. ये उनका अपना फ़ैसला और अधिकार है.”
उनसे पूछा गया था कि क्या इस बात की आशंका नहीं है कि अमेरिका जिन देशों को टेक्नोलॉजी देता है वो रूस के पास न पहुंच जाएं.
ग़ौरतलब है कि जब भारत ने रूस से एस-400 मिसाइल की ख़रीद की तो अमेरिका ने नाराज़गी ज़ाहिर की थी.
साल 1997 में भारत और अमेरिका के बीच रक्षा व्यापार न के बराबर था, जो आज 20 अरब डॉलर से अधिक हो चुका है.
अक्टूबर 2018 में भारत ने रूस के साथ पांच अरब डॉलर का एक रक्षा सौदा किया जिसके तहत रूस निर्मित एयर मिसाइल डिफ़ेंस सिस्टम एस-400 की पांच यूनिट भारत को मिलनी थीं.
इस सौदे को लेकर तत्कालीन ट्रंप प्रशासन ने प्रतिबंध लगाने की धमकी तक दी थी. (bbc.com/hindi)