अंतरराष्ट्रीय

व्हाइट हाउस ने कहा है कि राष्ट्रपति जो बाइडन के निजी आवास में आने-जाने वाले लोगों के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है.
अमेरिकी राज्य डेलवेयर में जो बाइडन के घर से गोपनीय दस्तावेज़ मिलने के बाद रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य राष्ट्रपति के निजी आवास में आने-जाने वालों के ब्योरे की मांग कर रहे थे.
सोमवार को व्हाइट हाउस काउंसिल के कार्यालय की ओर से कहा गया कि किसी राष्ट्रपति के निजी घर में आने-जाने वालों की निगरानी करना शिष्ट चलन नहीं है.
बाइडन के घर और वॉशिंगटन में निजी दफ़्तर से कम से कम 20 गोपनीय दस्तावेज़ मिले थे.
ये दस्तावेज़ ओबामा प्रशासन के दौरान उनके उप राष्ट्रपति रहने के वक़्त के हैं. सीबीएस न्यूज़ के अनुसार इनमें से कुछ 'टॉप सीक्रेट' दस्तावेज़ हैं.
व्हाइट हाउस ने कहा कि बीते सप्ताहांत गोपनीय दस्तावज़ों के पांच नए पन्ने मिले हैं. क़ानून के अनुसार राष्ट्रपति कार्यकाल ख़त्म होने पर सभी दस्तावेज़ नेशनल आर्काइव्ज़ को सौंपा जाता है.
व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया है कि ये फ़ाइलें 'अनजाने में गलत जगह' रख दी गईं थीं और इस मामले में पूरा सहयोग दिया जा रहा है.
रिपब्लिकन नेता और हाउस ओवरसाइट कमेटी के चेयरमैन जेम्स कॉमर ने व्हाइट हाउस के चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ रॉन क्लेन को इस संबंध में चिट्ठी लिखी है.
उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति बाइडन की ओर से गोपनीय दस्तावेज़ों को ग़लत तरीके से रखने को लेकर ये सवाल खड़ा हो गया है कि क्या उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को ख़तरे में डाला."
उन्होंने ये भी मांग की है कि जब तक जो बाइडन के घर आने वालों के नाम की सूची जारी नहीं होती, तब तक अमेरिकियों को ये नहीं पता चलेगा कि ये संवेदनशील दस्तावेज़ किस-किस के हाथ लगे.
लेकिन सोमवार को जारी एक बयान में व्हाइट हाउस काउंसिल के कार्यालय ने कहा कि घर पर आने वाले मेहमानों के नामों के बारे में ऐसी कोई सूची उपलब्ध नहीं है. (bbc.com/hindi)