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इमरान पर हमला धार्मिक चरमपंथ का नतीजा : गृह मंत्री
04-Nov-2022 5:47 PM
इमरान पर हमला धार्मिक चरमपंथ का नतीजा : गृह मंत्री

इस्लामाबाद, 4 नवंबर। पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने शुक्रवार को कहा कि इमरान खान पर हमला देश में धार्मिक चरमपंथ का नतीजा है। साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी पूर्व प्रधानमंत्री को दुश्मन नहीं बल्कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी मानती है।

पंजाब प्रांत में बृहस्पतिवार को एक बंदूकधारी द्वारा की गई गोलीबारी में 70 वर्षीय खान के दाहिने पैर में गोली लग गई। उस समय खान, शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ अपनी पार्टी के एक विरोध मार्च का नेतृत्व कर रहे थे।

सनाउल्लाह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमलावर के दूसरे वीडियो से पता चलता है कि उसके दिमाग में यह सब चरमपंथियों ने भरा था।

उन्होंने कहा, ‘‘हमलावर को जांचकर्ताओं के साथ बहस करते हुए देखा जा सकता है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार ने विभिन्न सोशल मीडिया साइट से इसकी सामग्री को हटाने की कोशिश की है।

सनाउल्लाह ने कहा ‘‘वीडियो में, संदिग्ध के बयान बहुत ही चिंताजनक और खतरनाक हैं। इस तरह के आरोप पहले भी लगाए गए थे। और वीडियो के वायरल होने के बाद, संभव है कि इस तरह के बयानों को हवा दी जाए।’’

उन्होंने कहा कि यह बहुत दुख की बात है कि खान ने बिना किसी जांच या सबूत के अपनी हत्या के प्रयास के लिए लोगों को दोषी ठहराया।

सनाउल्लाह ने मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में देरी पर भी सवाल उठाए और अपराध स्थल से हिरासत में लिए गए संदिग्ध के बयान के लीक होने पर चिंता व्यक्त की।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इमरान से उनकी सुरक्षा के साथ-साथ उनके खुद के व्यवहार की समीक्षा करने का अनुरोध कर रही थी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम उनके लंबे मार्च को रोकना नहीं चाहते, न ही कोई भय पैदा करना चाहते हैं, लेकिन इन बातों को ध्यान में रखना जरूरी है।’’

मंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी खान को एक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी मानती है दुश्मन नहीं।

रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली को संबोधित करते हुए कहा कि खान पर हमले की घटना का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है।

उन्होंने कहा ‘‘सरकार और सैन्य अधिकारियों का नाम लेकर’’ पूरे मामले को एक अलग राह की ओर धकेला जा रहा है।

उन्होंने कहा, “इस घटना का राजनीतिकरण न करें। पड़ताल करें। एक संयुक्त जांच दल का गठन करें। लेकिन अगर इस घटना का इस्तेमाल किसी व्यक्ति या संस्था को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है तो मैं इसकी निंदा करूंगा।’’

अविश्वास प्रस्ताव हारने के बाद अप्रैल में सत्ता से बेदखल हुए खान ने अमेरिका के एक 'खतरे के पत्र' के बारे में बात की और दावा किया था कि यह उन्हें हटाने के लिए एक विदेशी साजिश का हिस्सा था। अमेरिका ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था।

इमरान जल्द चुनाव की मांग कर रहे हैं और अपनी मांगों को लेकर इस्लामाबाद की ओर लंबे मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं। नेशनल असेंबली का कार्यकाल अगस्त 2023 में समाप्त हो जाएगा और 60 दिनों के भीतर नए सिरे से चुनाव होने चाहिए। (भाषा)


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