गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा राजिम, 13 नवंबर। श्याम वर्ण पाषाण से निर्मित, विश्व में प्रथम, देवाधिदेव 1008 श्री शांतिनाथ भगवान की प्रतिमा जयपुर से 12 नवंबर को पहुँची, जिनका समाज के सभी वर्ग के लोगों ने स्वागत कर नसिया जी में अस्थाई रूप से विराजमान किया हैं।
श्री शांतिनाथ भगवान की यह प्रतिमा 63 इंच की है, जो कि नई मंदिर के मूलनायक होंगे एवं विश्व की इकलौती प्रतिमा है जो कि काले पाषाण साउथ के जेड ब्लैक पत्थर से बनी हुई है, प्रतिमा बहुत ही अलौकिक और सुंदर हैं जिससे अंचल में शांति और खुशहाली व्याप्त होगी।
मूलनायक भगवान सहित अन्य सभी प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा 19 जनवरी से 25 जनवरी 2026 में होने वाले भव्य पंचकल्याणक महोत्सव में किया जायेगा। नए मंदिर के मूलनायक भगवान एवं विधि नायक भगवान को लेकर पंचायत कमेटी के अध्यक्ष अखिलेश जैन, सुधीर जैन, संजय पाटनी, मूलनायक प्रतिमा दातार पंकज जैन जयपुर से लेकर आज नयापारा पहुंचें। अपने नेत्रों से भगवान को मूल वेदिका में विराजमान होते देखने का अवसर जीवन में प्रथम और अंतिम बार ही प्राप्त होगा क्योंकि मूलनायक भगवान वेदीका पर विराजमान एक बार ही होंगे जो हमेशा हमेशा वही विराजमान रहेंगे। जब भगवान अपनी मूल वेदिका में विराजमान होंगे। उस अवसर पर सर्वप्रथम भक्ति पाठ एवं प्रार्थना पाठ किया जाएगा और वेदिका पर विशेष यंत्र की स्थापना की जाएगी।
जो हमेशा हमेशा इस वेदिका में स्थापित रहेंगे।मूलनायक भगवान की भव्य प्रतिमा के आगमन की भव्य शोभायात्रा दोपहर 12.30 बजे श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर से गाजे बाजे के साथ गंज रोड, पुराना बस स्टेण्ड होते हुए सदर रोड स्थित नवीन जिनालय की भव्य वेदिका में विराजमान की जाएगी।


