गरियाबंद

गरियाबंद में नेशनल लोक अदालत 64 हजार प्रकरणों का निपटारा, साढ़े 54 लाख का अवार्ड पारित
11-May-2025 7:48 PM
गरियाबंद में नेशनल लोक अदालत 64 हजार प्रकरणों का निपटारा, साढ़े 54 लाख का अवार्ड पारित

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

गरियाबंद, 11 मई। गरियाबंद के राजस्व न्यायालयों में 10 मई शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। उक्त लोक अदालत हेतु तालुका विधिक सेवा समिति गरियाबंद द्वारा 04 खण्डपीठों का गठन किया गया था। नेशनल लोक अदालत में कुल 64 हजार 547 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 54 लाख 56 हजार 29 रूपये का एवार्ड पारित किया गया है।

तालुका विधिक सेवा समिति गरियाबंद के अध्यक्ष यशवंत वासनीकर ने बताया कि उक्त लोक अदालत हेतु जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश गरियाबंद  बीआर साहू की गठित खण्डपीठ में कुल 53 लंबित एवं 1650 प्रिलिटिगेशन प्रकरण रखे गये थे, जिनमें 01 मोटर दुर्घटना दावा प्रकरणों का निराकरण करते हुए 14 लाख रूपये का एवार्ड पारित किया गया वही 89 प्रिलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण करते हुए 6 लाख 75 हजार 278 रूपये का एवार्ड पारित किया गया। इस प्रकार उक्त खण्डपीठ में कुल 90 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 20 लाख 75 हजार 278 रूपये का एवार्ड पारित किया गया।

वहीं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं व्यवहार न्यायधीश वरिष्ठ श्रेणी गरियाबंद अनिता ध्रुव की गठित खण्डपीठ में 294 प्रिलिटीगेशन प्रकरण रखे गये थे, जिनमें 04 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 50 पचास हजार रूपये का एवार्ड पारित किया गया तथा समरी मामले सहित 176 लंबित प्रकरण रखे गये थे जिनमें 117 लंबित मामलों का निराकरण करते हुए 26 लाख 46 हजार 600  रूपये की राशि अदा करायी गयी।

इस प्रकार उक्त खण्डपीठ में कुल 470 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 26 लाख 96 हजार 600 रूपये का एवार्ड पारित किया गया।  प्रशान्त कुमार देवांगन न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय व्यवहार न्यायधीश वरिष्ठ श्रेणी गरियाबंद की गठित खण्डपीठ में 286 प्रिलिटीगेशन प्रकरण रखे गये थे, जिनमें 07 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 81 हजार 531 रूपये का एवार्ड पारित किया गया समरी मामले सहित 23 लंबित प्रकरण रखे गये थे जिनमें 08 लंबित मामलों का निराकरण किया गया।

इस प्रकार उक्त खण्डपीठ में कुल 15 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 81 हजार 531 रूपये का एवार्ड पारित किया गया। प्रशान्त कुमार देवांगन प्रधान मजिस्ट्रेट किशोर न्यायालय गरियाबंद की गठित खण्डपीठ में राजीनामा योग्य लंबित 11 प्रकरण रखे गये थे तथा कांची अग्रवाल न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी देवभोग की गठित खण्डपीठ में 432 प्रिलिटीगेशन प्रकरण रखे गये थे, जिनमें 05 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 27 हजार 200  रूपये का एवार्ड पारित किया गया तथा समरी मामले सहित 413 लंबित प्रकरण रखे गये थे जिनमें से 413 लंबित मामलों का निराकरण करते हुए 1 लाख 48 हजार 200  रूपये की राशि अदा करायी गयी। इस प्रकार उक्त खण्डपीठ में कुल 418 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 1 लाख 75 हजार 400 रूपये का एवार्ड पारित किया गया। इसी प्रकार श्री सचिन पॉल टोप्पो न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एवं व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ श्रेणी राजिम की गठित खण्डपीठ में 1709 प्रिलिटीगेशन प्रकरण रखे गये थे, जिनमें 38 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 4 लाख 27 हजार 220 रूपये का एवार्ड पारित किया गया समरी मामले सहित 713 लंबित प्रकरण रखे गये थे जिनमें 434 लंबित मामलों का निराकरण किया गया। इस प्रकार उक्त खण्डपीठ में कुल 472 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 4 लाख 27 हजार 220 रूपये का एवार्ड पारित किया गया। इसके साथ ही राजस्व न्यायालयों में कुल 63 हजार 82 प्रकरणों का निराकरण किया गया है।

राजस्व न्यायालयों में गठित खण्डपीठों के पीठासीन अधिकारियों के द्वारा लोक अदालत के पूर्व से ही संबंधित पक्षकारों एवं अधिवक्तागण से प्री-सिटिंग कर इस लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण हेतु काफी प्रयास किये गये। इस लोक अदालत को सफल बनाने में खण्डपीठों के पीठासीन अधिकारीगण, अधिवक्ता सदस्यगण और प्रकरणों से संबंधित अधिवक्तागण, न्यायालयीन कर्मचारियों, राजस्व अधिकारियों तथा प्रीलिटिगेशन प्रस्तुत करने वाले अन्य विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों एवं संबंधित पक्षकारों का सराहनीय योगदान रहा।


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