गरियाबंद

नवापारा-राजिम, 31 मार्च। स्थानीय श्वेतांबर जैन मंदिर प्रांगण में चल रहे सत्संग समारोह में ऋषभ सागर ने कहा कि केवल हाइट अच्छी होने से व्यक्ति ऊंचा नहीं होता। उसे ऊंचा बनाते हैं उसके सदगुण, व्यवहार एवं संस्कार जो बचपन से ही उसके गुरू एवं पालकों के द्वारा दिए जाते हैं। संस्कार विहीन शिक्षा पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में शिक्षा किताबी हो गई है और संस्कृति पर पाश्चात्य हावी हो गया है। पहले राजा महाराजाओं के ऊपर गुरुओं का नियंत्रण होता था। प्रशासन में गुरु से सलाह मशविरा किया जाता था। वर्तमान में गुरू का नियंत्रण हटते ही स्वच्छंदता का वातावरण स्थापित हो गया है। जिस तरह माता-पिता ने बिना व्यक्ति अनाथ हो जाता है वैसे ही गुरु के बिना परम अनाथ हो जाता है। गुरु का स्थान जीवन में सर्वोच्च माना गया है। गुरु के माध्यम से चिरन्तन प्रकाश मिले उससे समय रहते जीवन धन्य कर लेने में ही समझदारी है। साधार्मिक भक्ति का लाभ ऋषभचन्द, राजेश कुमार सहित पूरे बोधरा परिवार ने लिया।