गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 9 सितंबर। ग्रामीण स्तर पर प्रत्येक प्रशासनिक कार्य योजना और विकास कार्य के संचालन का एक मात्र केंद्र होता है। ग्राम पंचायत भवन वहीं मैनपुर जनपद अंतर्गत एक ऐसा ग्राम पंचायत भवन है, जो अपने आप में बदहाली का एक मिसाल बना हुआ है, जहां आज भी उसी जर्जर भवन, भय के साए में बैठकर पंचायत के सभी कार्य किए जा रहे हैं।
ज्ञात हो कि ग्राम पंचायत 4 से साढ़े चार हजार जनसंख्या वाले इस पंचायत भवन की स्थिति इतनी जर्जर हो चुकी हैं कि दीवारों में दरार से आरपार देखा जा सकता है। ग्राम पंचायत में लगें फर्श टूटा गये है और छत से भी सीमेंट गिट्टी रेती गिर कर सिर्फ सरिया बाहर नजर आ रहे हैं, भवन का देखभाल नहीं होने अभाव में गंदगी के कारण हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि इस भवन में जहरीले सांप बिच्छू व काई प्रकार की जहरीले कीड़े मकोड़े जैसे जीव रोजना देखे जाते है। पंचायत कार्यों से मजबूरी में ग्रामीण और पंचायत के जनप्रति निधि कार्यरत ग्रामीण कर्मचारियों को हमेशा डर बना रहता है कि कहीं यह भवन अचानक से अपने ऊपर गिर ना जाए , बावजूद इसके ना तो प्रशासन की ओर से और ना ही ग्राम पंचायत सरपंच विभाग की जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से किसी भी प्रकार का समस्या का हाल अभी तक नहीं किया गया।
जनपद पंचायत प्रभारी सीईओ डी एस नागवंशी ने कहा कि जनपद अंतर्गत दो पंचायत जर्जर स्थिति में है, जिसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को भेज दिए गया हैं वहीं सचिव को अनंयत्र भवन में पंचायत का कार्य सम्पादन किया जाने का निर्देश दिया गया।