गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 19 दिसंबर। संत शिरोमणि आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी महाराज के जन्म महोत्सव के उपलक्ष्य में शरद पूर्णिमा पर्व पर ‘एक पाती गुरुवर के नाम’ अखिल भारतीय प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें भारत देश के विभिन्न स्थानों से सैकड़ों पत्र ईमेल व डाक द्वारा प्राप्त हुए।
दिगंबर जैन सभा नेहरू नगर भिलाई के तत्वावधान में आयोजित इस प्रतियोगिता में विभिन्न प्रतिभागियों ने अपने गुरु के प्रति समर्पण, आस्था को दर्शाते हुए अपने पत्रों के माध्यम से गुरुदेव के चरणों में अपनी भावनाओं को प्रस्तुत किया और अपने मन की बात उन तक पहुंचाना चाहते हैं। इन पत्रों को संजोकर व सजाकर इन पत्रों को भेजा गया। इस प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र व अन्य कुछ स्थानों से पत्र प्राप्त हुए।
कार्यक्रम के संयोजक जैन युवा संघ के क्षितिज जैन, अनेकांत जैन व सचिन जैन ने बताया कि सभी प्राप्त पत्र अत्यंत ही मार्मिक व भावनाओं से भरपूर है। जिनमें प्रथम पुरस्कार विजयलक्ष्मी जैन जबलपुर मध्यप्रदेश, द्वितीय पुरस्कार नेहा जैन बेंगलुरु कर्नाटक व तृतीय पुरस्कार हमारे छत्तीसगढ़ अंचल की मीता जैन भिलाई व सबसे छोटी प्रतिभागी कु. टहनी जैन पहाडिय़ा को प्राप्त हुआ।
हमारे आंचल के लिए यह गौरव का विषय है की कु. टहनी, सौरभ पहाडिय़ा की पुत्री है। टहनी ने अपने पत्र में गुरु जी को आभार प्रकट करते हुए यह कहा कि उन्होंने अपना पूरा मन एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए बना लिया था परंतु गुरुदेव के आशीर्वाद अनुसार उन्होंने साधुओं की सेवा व जन सामान्य की आयुर्वेद पद्धति से चिकित्सा करने का सपना सँजोकर पूर्णायु जबलपुर में डॉक्टर की पढ़ाई कर रही है।
पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर नेहरू नगर भिलाई में विराजमान आर्यिका सौभाग्यमती माताजी ससंघ के सानिध्य में इस प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए गए व माताजी ने सभी प्रतिभागियों को आशीर्वाद प्रदान किया। इस अवसर पर जैन समाज के अध्यक्ष डॉ.आर के दोषी, सचिव जितेंद्र जैन, वरिष्ठ सदस्य अशोक पहाडिय़ा, संदीप जैन, अजित जैन, आनन्द जैन, गौरव जैन, सुनीता दोषी, वन्दना जैन आदि सैकड़ों की संख्या में जैन समाज के सदस्यों ने प्रतिभागियों व संयोजकों का अभिवादन किया।